
देश के नागरिकों के लिए PAN Card एक जरूरी दस्तावेज बन गया है। इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने, बीमा प्रीमियम जमा करने, बैंक अकाउंट खोलने, डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड बनवाने, 5 लाख से अधिक की गाड़ी, ज्वेलरी या प्रोपर्टी खरीदने में पैन की भी जरूरत पड़ती हैं।
New Delhi,(Shah Times) । वर्तमान समय में देश के नागरिकों के लिए PAN Card एक जरूरी दस्तावेज बन गया है। इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने, बीमा प्रीमियम जमा करने, बैंक अकाउंट खोलने, डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड बनवाने, 5 लाख से अधिक की गाड़ी, ज्वेलरी या प्रोपर्टी खरीदने में पैन की भी जरूरत पड़ती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं आपके pan card का इस्तेमाल करके साइबर ठग आपको अपना शिकार बना सकते है।
जी हां। हाल ही में पैन कार्ड स्कैम का एक मामला मुंबई से सामने आया है। दरअसल एक बुजुर्ग महिला को 2010-11 में 1.3 करोड़ रुपये की संपत्ति को बेचने के लिए आयकर विभाग से नोटिस मिला। जबकि महिला का कहना है कि उसे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। महिला ने अपने PAN कार्ड के दुरुपयोग को लेकर आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण में मुकदमा किया है।
हालांकि यह कोई पहली घटना नहीं है, जब पैन कार्ड के जरिए किसी को ठगा हो। इससे पहले भी देश के अलग-अलग हिस्सों से पैन कार्ड का गलत इस्तेमाल कर ठगी करने की शिकायतें मिली हैं।
ऐसे में PAN कार्ड का इस्तेमाल करते समय बेहद सावधान और सतर्क रहने की जरूरत है। क्योंकि अगर पैन कार्ड डिटेल किसी स्कैमर के हाथ लग गई तो वह आपकी आइडेंटिटी के साथ आपका बैंक अकाउंट तक खाली हो सकता है। यह भी हो सकता है कि आपके नाम पर कोई लोन ले ले।
आपको बता दें कि भारत का आयकर विभाग पैन कार्ड डॉक्यूमेंट जारी करता है। पैन कार्ड का उपयोग मुख्य रूप से व्यक्ति और संस्था टैक्स से जुड़े कानूनों का पालन कर रहे हैं या नहीं, यह ट्रैक करने के लिए किया जाता है। पैन कार्ड में व्यक्ति की नाम, जन्मतिथि, फोटो, पैन नंबर और हस्ताक्षर जैसी पर्सनल जानकारी होती है। अगर यह जानकारी किसी साइबर ठग के हाथ लग जाए तो वह इसका कई तरीकों से दुरुपयोग कर सकता है। यानी कि आपके पैनकार्ड से कोई लोन ले सकता है या बैंक अकाउंट खोलकर उसके जरिए धोखाधड़ी कर सकता है।
दरअसल इस स्कैम के ज्यादातर मामलों में साइबर ठग लोगों को मोबाइल फोन पर PAN कार्ड अपडेट करने के नाम पर फर्जी लिंक भेजते हैं। लिंक पर क्लिक करते ही ठग फोन पर रिमोट एक्सेस लेने के लिए एक स्क्रीन-शेयरिंग ऐप डाउनलोड कराते हैं। या फिर किसी फर्जी वेबसाइट पर ले जाते हैं।
इसलिए ध्यान रहे स्कैम से बचने के लिए अपने फोन पर आए किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें। अगर किसी वेबसाइट पर जाएं तो चेक करें कि उसका URL https से शुरू होता है कि नहीं। क्योंकि असली वेबसाइट पर http के बाद आखिर में ‘s’ लिखा होता है। यहां s का मतलब वेबसाइट की सिक्योरिटी से होता है। जिस वेबसाइट के URL में s न हो, वहां अपना PAN नंबर दर्ज न करें।क्योंकि वह मान्य नहीं होगी और आप धोखाघड़ी का शिकार हो सकते हैं।
हमारे PAN कार्ड का कोई गलत इस्तेमाल तो नहीं कर रहा है यह जानने का सबसे अच्छा तरीका है क्रेडिट स्कोर को वेरिफाई करना। क्रेडिट स्कोर का अर्थ किसी भी व्यक्ति के लोन चुकाने की क्षमता से होता है। आपका क्रेडिट स्कोर आपको इस बारे में जानकारी देता है कि आपके पैन कार्ड के साथ कुछ अनऑथराइज्ड एक्टिविटी तो नहीं हो रही है। अगर क्रेडिट स्कोर के जरिए किसी तरह के फ्रॉड की जानकारी लगे तो तुरंत इसकी शिकायत करनी चाहिए।
धोखाधड़ी से बचने के उपाय
•अपना पैन कार्ड नंबर और इससे जुड़ी कॉन्फिडेंशियल जानकारी अपने कंम्प्यूटर या मोबाइल फोन में न रखें।
•अनजान ऑनलाइन पोर्टल पर अपना पूरा नाम या जन्मतिथि दर्ज न करें क्योंकि इन डिटेल्स का इस्तेमाल करके साइबर ठग आयकर वेबसाइट पर 8 पैन कार्ड नंबर ढूंढ सकते हैं।
•किसी होटल में कमरा बुक करते समय, ई-टिकट बुकिंग के समय वोटर ID कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या आधार कार्ड जैसी ID का इस्तेमाल करें क्योंकि इस तरह की ID से स्कैम होने की आशंका बेहद कम होती है।
•बहुत जरूरी न हो तो PAN कार्ड को ID के रूप में इस्तेमाल न करें।
•पैन कार्ड की फोटोकॉपी जमा करते समय उस पर तारीख और हस्ताक्षर जरूर करें।
•मूल पैन कार्ड और फोटोकॉपी दोनों को सुरक्षित रखें। किसी साइबर कैफे में PAN कार्ड का इस्तेमाल करते समय विशेष सावधानी बरतें।