
Children detained by police at Makama railway station in Bihar for wearing religious caps
बेगूसराय से सूरत मदरसे जा रहे बच्चों को मकामा स्टेशन पर हिरासत में लिया गया, टोपी पहनने पर संदेह जताया गया; मानवाधिकार संगठनों में रोष
बिहार के बेगूसराय से सूरत के मदरसे जा रहे 32 बच्चों को टोपी पहनने की वजह से रेलवे पुलिस ने मकामा स्टेशन पर हिरासत में ले लिया। घंटों भूखे-प्यासे रखे जाने पर सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल, धार्मिक भेदभाव के आरोप।
बेगूसराय, बिहार,(Shah Times ) ।एक चौंकाने वाली घटना में बेगूसराय जिले से सूरत के जामिया जकारिया मदरसे में पढ़ाई के लिए जा रहे 32 बच्चों को रेलवे पुलिस ने सिर्फ टोपी पहनने के आधार पर हिरासत में ले लिया। यह घटना रविवार सुबह मकामा रेलवे स्टेशन पर हुई, जब सभी बच्चे ट्रेन में सवार थे।
स्थानीय पत्रकार सीमाब अख्तर के मुताबिक, सभी बच्चे बेगूसराय के मैदा बभनगामा गांव के निवासी हैं और धार्मिक शिक्षा के लिए सूरत जा रहे थे। बच्चे पारंपरिक मुस्लिम टोपी पहने हुए थे, जिसे देखकर रेलवे पुलिस को संदेह हुआ और बिना किसी उचित कारण के सभी बच्चों को ट्रेन से उतार कर हिरासत में ले लिया गया।
भूखे-प्यासे बच्चों को घंटों स्टेशन पर बैठाया गया
बताया जा रहा है कि सुबह 8 बजे से बच्चों को स्टेशन पर बैठाए रखा गया, न उन्हें कुछ खाने को दिया गया, न पानी, और न ही यह स्पष्ट किया गया कि उन्हें हिरासत में क्यों लिया गया है। यह अमानवीय व्यवहार वीडियो के माध्यम से सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
सीमाब अख्तर का बड़ा दावा
पत्रकार सीमाब अख्तर ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर वीडियो साझा करते हुए लिखा, “ये सब बिहार में हो रहा है। सर पे टोपी देखकर मासूम बच्चों को गिरफ्तार कर लिया गया। सभी बच्चे जामिया जकारिया सूरत पढ़ने जा रहे थे और सुबह से भूखे-प्यासे हिरासत में रखे गए हैं।”
उन्होंने इस पोस्ट में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और अन्य नेताओं को टैग करते हुए कार्रवाई की मांग की है।
धार्मिक भेदभाव और मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप
इस घटना ने राज्यभर में धार्मिक भेदभाव को लेकर बहस छेड़ दी है। कई मुस्लिम संगठन और मानवाधिकार कार्यकर्ता इस कार्रवाई को संविधान और मानवता के खिलाफ बता रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोग दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
प्रशासनिक प्रतिक्रिया का इंतजार
खबर लिखे जाने तक रेलवे पुलिस की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। ‘जी सलाम डिजिटल’ ने बेगूसराय रेलवे पुलिस से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन संवाद नहीं हो पाया। जैसे ही कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया मिलेगी, खबर को अपडेट किया जाएगा।
नोट: यह समाचार सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो और स्थानीय पत्रकारों की रिपोर्टिंग पर आधारित है। वीडियो के सटीक समय और तारीख की पुष्टि नहीं हो पाई है।