
हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। कोई कह रहा है कि यह कांग्रेस का अति आत्मविश्वास है तो कोई इसे कांग्रेस का अहंकार बता रहा है।
New Delhi ,( Shah Times)। लोकसभा चुनाव के बाद इंडिया एलायंस के भीतर कांग्रेस को जो अच्छी बढ़त मिली थी, हरियाणा विधानसभा इलेक्शन में कांग्रेस की शिकस्त ने जमीनी सतह पर सारे आयाम बदल दिए हैं माना जा रहा है कि वह एक झटके में ही सब कुछ खो बैठी है।
दरअसल, हरियाणा चुनाव को लेकर कहा जा रहा था कि कांग्रेस हिस्टोरिकल फतेह दर्ज करेगी उसके हक़ में लहर थी और ज्यादातर एग्जिट पोल भी दावा कर रहे थे, इसलिए उन दावों को और ताकत मिली।
लेकिन अब जब हरियाणा के नतीजे सामने आए हैं, तो कांग्रेस को जोर का सियासी झटका लगा है। अब कांग्रेस न केवल हरियाणा हार गई है बल्कि यूं कहा जा सकता है इंडिया एलायंस में अपनी पोजिशन कमजोर कर ली है। इस वक्त कई साथी दल हरियाणा के नतीजों के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा रही हैं। कोई इसे कांग्रेस का हद से ज्यादा आत्मविश्वास बता रहा है तो कोई इसे कांग्रेस के अहंकार से जोड़ रहा है। यहां तक कहा जा रहा है कि अगर हरियाणा इलेक्शन में इंडिया एलायंस को मुनासिब इज्जत दी होती तो नतीजे कुछ और हो सकते थे। इस वक्त कांग्रेस पर सबसे ज्यादा हमला आम आदमी पार्टी कर रही है क्योंकि हरियाणा इलेक्शन में उसका कांग्रेस के साथ एलायंस होने वाला था लेकिन सीटों के बंटवारे को लेकर सब चौपट हो गया और रजामंदी नहीं बन पाई। इसी वजह से अब आम आदमी पार्टी खुलकर कह रही है कि कांग्रेस गरूर से भरी हुई थी।
Congress’s defeat in Haryana: Overconfidence or arrogance?