क्रिप्टो घोटाला: दुबई में बैठे NRI लविश चौधरी के तार, ED ने शामली में मारा छापा

“शामली में एनआरआई लविश चौधरी के एजेंट के घर ईडी का छापा। करोड़ों रुपये की नकदी बरामद, फॉरेक्स ट्रेडिंग घोटाले का पर्दाफाश। पढ़ें इस हाई-प्रोफाइल कार्रवाई की पूरी जानकारी।”

शामली में ईडी की बड़ी कार्रवाई: एनआरआई लविश चौधरी के एजेंट के घर छापेमारी, करोड़ों की नकदी बरामद

शामली,(Shah Times) । उत्तर प्रदेश के शामली जिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश करते हुए क्रिप्टो करेंसी और फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर हजारों लोगों से ठगी करने वाले गिरोह पर शिकंजा कस दिया। इस मामले में चंडीगढ़ से आई ईडी की टीम ने शहर के सलेक विहार मोहल्ले में एक संदिग्ध एजेंट के आवास पर छापा मारा, जहाँ से करोड़ों रुपये की नकदी बरामद की गई। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाए रखने के लिए सीआरपीएफ के जवानों की तैनाती की गई।

ईडी अधिकारियों के अनुसार, यह ठगी नेटवर्क दुबई में बैठे मुजफ्फरनगर निवासी एनआरआई लविश चौधरी उर्फ नवाब द्वारा संचालित किया जा रहा था। वह अपने एजेंटों के माध्यम से भोले-भाले निवेशकों को भारी मुनाफे का लालच देकर उनसे करोड़ों रुपये इकट्ठे कर रहा था। इस मामले में शामली जिले के डांगरोल गांव निवासी नवाब मुख्य एजेंट के रूप में काम कर रहा था, जो निवेशकों को जोड़ने और पैसा इकट्ठा करने की जिम्मेदारी संभाल रहा था।

ईडी का छापा: तीन मंजिला मकान को किया गया सील

मंगलवार को चंडीगढ़ की ईडी टीम तीन गाड़ियों में सवार होकर भारी सुरक्षा के बीच शामली के सलेक विहार मोहल्ले में पहुंची। टीम ने नवाब के तीन मंजिला मकान को पूरी तरह से अपने कब्जे में ले लिया। इसके बाद मकान की गहन तलाशी ली गई, जिसमें ईडी को बड़ी मात्रा में नकदी बरामद हुई। सूत्रों के अनुसार, नोटों की गिनती के लिए टीम ने दो नोट गिनने की मशीनें मंगवाईं और मौके पर ही नकदी का आकलन किया गया।

छापेमारी के दौरान, टीम ने घर के बराबर में स्थित दो प्लॉटों में खड़ी चार गाड़ियों की भी तलाशी ली। मकान के अंदर मौजूद नवाब के परिजनों को किसी भी बाहरी व्यक्ति से संपर्क करने की अनुमति नहीं दी गई। पूरी कार्रवाई देर रात तक चली, जिससे शहर में हड़कंप मच गया।

क्रिप्टो करेंसी के नाम पर हजारों निवेशकों से ठगी

ईडी अधिकारियों के मुताबिक, नवाब और लविश चौधरी ने निवेशकों को ठगने के लिए एक फर्जी ट्रेडिंग कंपनी “क्यूएफएक्स ट्रेड लिमिटेड” का सहारा लिया था। इस कंपनी का पंजीकरण पांच साल पहले चंडीगढ़ में किया गया था। क्यूएफएक्स के जरिए आरोपी हिमाचल, पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, गुजरात, गोवा समेत कई राज्यों के हजारों लोगों को बड़े मुनाफे का लालच देकर उनके करोड़ों रुपये हड़प चुके थे

ईडी की प्रारंभिक जांच के मुताबिक, यह कंपनी 20 जुलाई 2021 को अस्तित्व में आई थी और इसे आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) ने पहले ही ब्लैकलिस्ट कर रखा था। इसके बावजूद, आरोपी लोगों को फंसाने के लिए अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और नेटवर्किंग माध्यमों का इस्तेमाल कर रहे थे।

बॉलीवुड और खेल हस्तियों के साथ तस्वीरें शेयर कर बनाया भरोसा

ईडी के अनुसार, इस गिरोह का सरगना लविश चौधरी वर्तमान में दुबई में रहकर इस पूरे रैकेट का संचालन कर रहा है। निवेशकों का विश्वास जीतने के लिए वह बॉलीवुड अभिनेता, क्रिकेटरों और अन्य खेल हस्तियों के साथ तस्वीरें खिंचवाकर उन्हें सोशल मीडिया पर पोस्ट करता था। इससे लोगों को यह विश्वास हो जाता था कि वह एक विश्वसनीय व्यवसायी है और उसकी कंपनी में निवेश करना सुरक्षित है।

गिरोह ने शामली, बागपत, मुजफ्फरनगर, मेरठ और सहारनपुर के करीब 25 लोगों को भी इस ठगी नेटवर्क में शामिल कर रखा था, जो जमीनी स्तर पर लोगों को निवेश के लिए प्रेरित करते थे।

हिमाचल प्रदेश में हुआ था पहला केस, अब कई राज्यों में छानबीन

इस पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा नवंबर 2023 में हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में हुआ था, जब प्रॉपर्टी डीलर गौरव सैनी और अन्य निवेशकों ने कंपनी के डायरेक्टर “राजेंद्र सूद” के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। जांच के दौरान ही ईडी को पता चला कि इस गिरोह में मुजफ्फरनगर निवासी लविश चौधरी और शामली के नवाब का भी सीधा हाथ है

ईडी की जांच में यह भी सामने आया है कि इस ठगी के नेटवर्क में शामिल लोग अब नई कंपनियों के जरिए भी निवेशकों को ठगने की योजना बना रहे हैं। इनमें “टीएलसी” नामक एक और कंपनी शामिल है, जिसकी जांच अब ईडी ने शुरू कर दी है

जांच जारी, कई और गिरफ्तारियां संभव

ईडी अधिकारियों ने बताया कि इस पूरे घोटाले की गहन जांच जारी है और जल्द ही इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की भी गिरफ्तारी हो सकती है। इस बीच, ईडी ने निवेशकों को चेतावनी दी है कि वे क्रिप्टो करेंसी, फॉरेक्स ट्रेडिंग या अन्य संदिग्ध निवेश योजनाओं में अपने पैसे लगाने से पहले सावधानी बरतें

इस हाई-प्रोफाइल छापेमारी के बाद शामली समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में निवेशकों में दहशत का माहौल है। लोग अब अपनी गाढ़ी कमाई वापस पाने के लिए चिंतित हैं, जबकि ठगी नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों में भी ईडी की कार्रवाई को लेकर खलबली मच गई है।

इस पूरे मामले में आगे और भी कई चौंकाने वाले खुलासे होने की संभावना है

क्रिप्टो घोटाले पर ईडी की कार्रवाई: एक चेतावनी और सबक

शामली में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की गई छापेमारी ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि धोखाधड़ी के नए-नए तरीकों से आम जनता को ठगने वाले अपराधी सक्रिय हैं। एनआरआई लविश चौधरी द्वारा संचालित इस कथित घोटाले ने हजारों लोगों की मेहनत की कमाई पर डाका डाल दिया। दुबई से बैठे इस गिरोह ने फॉरेक्स ट्रेडिंग और क्रिप्टो करेंसी में निवेश के नाम पर लोगों को लुभाया और उनकी गाढ़ी कमाई को ठग लिया।

यह मामला सिर्फ एक छापेमारी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश में बढ़ते ऑनलाइन निवेश घोटालों की एक गंभीर चेतावनी है। पिछले कुछ वर्षों में फर्जी निवेश योजनाओं, मल्टी-लेवल मार्केटिंग (MLM) स्कीम्स, और डिजिटल करेंसी घोटालों ने तेजी पकड़ी है। हाई-प्रोफाइल हस्तियों के साथ तस्वीरें साझा कर लोगों का भरोसा जीतना और फिर उनका पैसा लेकर फरार हो जाना, इस तरह के अपराधियों की आम रणनीति बन चुकी है।

सरकार और एजेंसियों को सख्त कदम उठाने होंगे

यह पहली बार नहीं है जब ईडी ने इस तरह की कार्रवाई की है। इससे पहले भी कई क्रिप्टो और फॉरेक्स ट्रेडिंग घोटाले सामने आए हैं। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिर कब तक लोगों को ऐसे फ्रॉड से बचाने के लिए सिर्फ छापेमारी पर निर्भर रहा जाएगा? सरकार को चाहिए कि वह क्रिप्टोकरेंसी और अन्य डिजिटल निवेश माध्यमों के लिए एक सख्त नियामक व्यवस्था बनाए, ताकि आम जनता ऐसे धोखाधड़ी के जाल में फंसने से बच सके।

जनता को भी सतर्क रहने की जरूरत

जब भी कोई निवेश योजना ‘जल्दी अमीर बनने’ का वादा करे, तो सतर्क हो जाना चाहिए। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और अन्य वित्तीय नियामक संस्थानों ने कई बार चेतावनी दी है कि फॉरेक्स ट्रेडिंग और बिना लाइसेंस वाली क्रिप्टो कंपनियों में निवेश जोखिम भरा हो सकता है। इसके बावजूद, लोग ऐसे लालच में आकर अपने जीवन की पूंजी गवां बैठते हैं।

शामली में ईडी की यह कार्रवाई एक अहम कदम है, लेकिन यह इस समस्या का अंत नहीं है। सरकार को चाहिए कि वह ऐसे अपराधियों पर और तेजी से शिकंजा कसे, डिजिटल निवेश को सुरक्षित बनाने के लिए सख्त कानून बनाए, और जनता को जागरूक करे। वहीं, नागरिकों को भी आकर्षक रिटर्न के झांसे में आने से पहले पूरी जांच-पड़ताल करनी चाहिए। क्योंकि कहीं न कहीं, ठगी के इन जालों में फंसने की सबसे बड़ी वजह हमारी लालच और अज्ञानता ही होती है।