
Heated debate in Lok Sabha over the Waqf Amendment Bill 2024 as government pushes for passage while opposition resists.
वक्फ संशोधन बिल 2024: सरकार और विपक्ष आमने-सामने
वक्फ संशोधन बिल 2024 पर लोकसभा में जोरदार बहस की संभावना। मोदी सरकार इसे पास कराने के लिए तैयार, जबकि विपक्ष विरोध में। जानिए बिल से जुड़े प्रमुख बदलाव, समर्थन और विरोध की पूरी जानकारी।
नई दिल्ली,(Shah Times)। वक्फ संशोधन बिल 2024 पर आज लोकसभा में तीखी बहस होने की संभावना है। मोदी सरकार इस बिल को पास कराने के लिए पूरी तरह तैयार है, जबकि विपक्ष इसे रोकने की पूरी कोशिश कर रहा है। एनडीए के पास लोकसभा में बहुमत है, जिससे इस बिल के पास होने की संभावनाएं अधिक हैं। हालांकि, विपक्ष इसे धर्म और संविधान से जुड़ा मुद्दा मानते हुए इसका कड़ा विरोध कर रहा है।
वक्फ संशोधन बिल 2024 क्या है?
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024, वक्फ अधिनियम 1995 में महत्वपूर्ण बदलाव करने वाला एक विधेयक है। इसे केंद्र सरकार आज लोकसभा में पेश कर रही है। इसका मुख्य उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को पारदर्शी बनाना और उनके दुरुपयोग को रोकना है।
वक्फ बिल को लेकर विवाद क्यों?
मुस्लिम संगठन और विपक्षी दल इस बिल का विरोध कर रहे हैं। उनका मानना है कि यह बिल वक्फ संपत्तियों पर सरकारी नियंत्रण बढ़ाने का प्रयास है, जिससे धार्मिक स्वतंत्रता प्रभावित हो सकती है। विपक्ष इसे संविधान के अनुच्छेद 14, 25 और 26 का उल्लंघन मान रहा है।
वक्फ संशोधन बिल 2024 के प्रमुख बिंदु:
- वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन: यह बिल 1995 के अधिनियम में कई अहम बदलाव करेगा।
- नए प्रावधान:
- वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम और महिला सदस्यों को शामिल किया जाएगा।
- जिला कलेक्टर को वक्फ संपत्तियों के सर्वेक्षण का अधिकार मिलेगा।
- वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसलों को हाईकोर्ट में चुनौती देने का प्रावधान होगा।
- विवादित संपत्तियों की निगरानी और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए नए दिशानिर्देश बनाए जाएंगे।
- विपक्ष और मुस्लिम संगठनों की आपत्ति: उनका कहना है कि यह बिल वक्फ संपत्तियों को कमजोर करेगा और सरकार के हस्तक्षेप को बढ़ाएगा।
- सरकार का पक्ष: सरकार का दावा है कि यह बिल पारदर्शिता लाएगा और वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकेगा। सरकार का कहना है कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के गरीब और जरूरतमंद लोगों को अधिक लाभ पहुंचाएगा।
वक्फ बिल पर कौन-कौन समर्थन में और कौन विरोध में?
बिल के समर्थन में:
- एनडीए के प्रमुख घटक दल: भाजपा, जदयू, टीडीपी, शिवसेना (शिंदे गुट), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास)।
- सरकार का दावा: यह विधेयक वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता बढ़ाने और दुरुपयोग रोकने के लिए आवश्यक है।
बिल के विरोध में:
- विपक्षी दल: कांग्रेस, राजद, तृणमूल कांग्रेस (TMC), द्रमुक (DMK), समाजवादी पार्टी (SP), ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM)।
- मुस्लिम संगठन: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने विपक्षी दलों से बिल के खिलाफ वोट देने की अपील की है।
- विपक्ष का तर्क: यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 14, 25 और 26 के तहत धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।
लोकसभा और राज्यसभा में संख्या बल का गणित
लोकसभा में स्थिति:
- एनडीए: 293 सांसदों के साथ बहुमत में।
- विपक्ष (INDIA ब्लॉक): 233 सांसदों के साथ विरोध में।
- संख्या बल के हिसाब से: लोकसभा में मोदी सरकार की राह आसान नजर आ रही है।
राज्यसभा में स्थिति:
- एनडीए के पास: 115 सांसदों का समर्थन।
- विपक्ष के पास: 110 से अधिक सांसदों का समर्थन।
- राज्यसभा में स्थिति: राज्यसभा में विधेयक के पारित होने में कठिनाई हो सकती है, क्योंकि सरकार को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है।
बिल पर आगे की रणनीति:
सरकार ने इस बिल को पास कराने के लिए एनडीए के सभी सांसदों को व्हिप जारी किया है। वहीं, विपक्ष ने भी बिल के खिलाफ अपने सांसदों के लिए व्हिप जारी किया है। इस बिल पर 8-8 घंटे की बहस के लिए समय निर्धारित किया गया है, जिसके बाद मतदान होगा।
वक्फ संशोधन बिल 2024 लोकसभा में पारित होने की प्रबल संभावना है, लेकिन राज्यसभा में यह चुनौतीपूर्ण हो सकता है। यदि यह विधेयक दोनों सदनों में पास हो जाता है, तो यह वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में बड़े बदलाव ला सकता है। आज की बहस और मतदान से स्पष्ट हो जाएगा कि यह विधेयक कानून बनेगा या नहीं।