इनकम टैक्स रिटर्न फाइल को वेरीफाई करने के लिए पैन से आधार का लिंक होना जरूरी
नई दिल्ली। फाइनेंशियल ईयर 2022-23 (Financial Year 2022-23) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख बीत चुकी है। ऐसे में अगर आपने इनकम टैक्स रिट (Income tax writ) फाइल कर दिया है तो अब उसका वैरिफिकेशन भी जरूरी है। इसके बिना फॉर्म अधूरा माना जाता है। ITR फाइल करने का लास्ट स्टेज फॉर्म सबमिट नहीं वैरिफिकेशन होता है।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) ने लोगों से इनकम टैक्स रिटर्न वेरीफाई करने का बोला है। अगर आपने अब तक अपना इनकम टैक्स रिटर्न वेरिफाई नहीं किया है तो आप ऑनलाइन ही इसका वैरिफिकेशन कर सकते हैं। हम आपको ऑनलाइन वेरिफिकेशन की प्रोसेस बता रहे हैं।
इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल को वेरीफाई करने के लिए पैन से आधार का लिंक होना जरूरी है।
सबसे पहले ई-फाइलिंग पोर्टल incometax.gov.in पर जाकर लॉगइन करें।
इसके बाद आपको अगले पेज पर ऊपर की तरफ e-file का ऑप्शन मिलेगा।
यहां आपको इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) सेक्शन में जाकर ई वेरीफाई रिटर्न को चुनना होगा। इसके बाद आपका जो भी रिटर्न फाइल हुआ होगा वो दिखने लगेगा।
इसके बाद ई-वेरिफाई लिंक पर क्लिक करें और वेरीफाई रिटर्न यूजिंग आधार OTP ऑप्शन को चुनें। ऐसा करते ही आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर मैसेज आएगा जिसके जरिए आप वेरिफिकेशन कर सकते हैं।
आयकर विभाग की वेबसाइट पर इस वन टाइम पासवर्ड को डालने के बाद आप सबमिट बटन पर क्लिक करेंगे तो आपका ITR वेरिफाई हो जाएगा।
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बिना वेरिफिकेशन के इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की प्रॉसेस को अधूरा माना जाता है। वेरिफिकेशन के बाद ही इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपके ITR को प्रॉसेस करता है। इसके अलावा ITR को अगर वेरीफाई नहीं कराया गया तो आपका रिफंड अटक जाएगा। अगर आप वैरिफिकेशन नहीं करते हैं तो आपका ITR फाइल नहीं माना जाएगा।
फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के लिए साढ़े 6 करोड़ से ज्यादा लोगों ने इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल किया है। आयकर विभाग के अनुसार, लास्ट डेट यानी 31 जुलाई को 64.33 लाख रिटर्न फाइल किए गए।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की तारीख को एक्सटेंड नहीं किया है। ITR दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई, 2023 थी। ऐसे में अगर आपने अब तक ITR फाइल नहीं नहीं किया है तो इसके लिए आपको लेट फीस देनी होगी।
अगर किसी इंडिविजुअल टैक्सपेयर की सालाना आय 5 लाख रुपए से ज्यादा है, तब उसे 5000 रुपए की लेट फीस देनी होगी। अगर टैक्सपेयर की ऐनुअल इनकम 5 लाख रुपए से कम है, तब उसे लेट फीस के रूप में 1,000 रुपए भरने होंगे।