
Wreckage of Pakistan’s Chinese-made JF-17 fighter jet shot down by Indian forces during Operation Sindoor. (Image Courtesy: Shah Times)
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान का चीनी तकनीक वाला JF-17 फाइटर जेट मार गिराया। जानिए इस लड़ाकू विमान की खासियतें और भारत की रणनीतिक सफलता।
भारत द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तानी फाइटर जेट JF-17 को गिराया जाना केवल सैन्य सफलता नहीं, बल्कि एक रणनीतिक और कूटनीतिक संदेश भी है। यह कार्रवाई भारतीय सीमाओं की पवित्रता और आत्मरक्षा के सिद्धांत की पुनर्पुष्टि करती है।
पाकिस्तान का यह फाइटर जेट, जिसे चीन के सहयोग से तैयार किया गया था, भारतीय वायुसीमा में घुसपैठ कर रहा था। भारत ने जिस तत्परता और सटीकता से इसका जवाब दिया, वह यह दर्शाता है कि भारतीय वायुसेना न केवल तकनीकी रूप से सक्षम है, बल्कि निर्णय लेने में भी निर्णायक है।
JF-17 को गिराना सिर्फ एक विमान को निशाना बनाना नहीं था, बल्कि यह बताना था कि भारत किसी भी प्रकार की आक्रामकता को बर्दाश्त नहीं करेगा। यह संदेश न केवल पाकिस्तान बल्कि उसके सैन्य सहयोगी चीन के लिए भी स्पष्ट है।
इस घटना के माध्यम से यह भी प्रमाणित होता है कि भारत की रक्षा नीति अब सिर्फ प्रतिक्रिया तक सीमित नहीं है, बल्कि वह निवारक (deterrent) रूप ले चुकी है। एयर डिफेंस की यह सक्रियता भविष्य की किसी भी चुनौती के लिए तैयार भारत की तस्वीर प्रस्तुत करती है।
सरकार, सैन्य बलों और रणनीतिक संस्थानों को इस समन्वित कार्यवाही के लिए साधुवाद देना चाहिए, जिसने ना केवल आकाशीय सीमा की सुरक्षा की बल्कि देशवासियों को यह भरोसा भी दिलाया कि भारत अब हर मोर्चे पर सजग और सक्षम है।
नई दिल्ली ,(Shah Times)।भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव के बीच भारतीय वायुसेना ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती क्षेत्र में पाकिस्तान का एक लड़ाकू विमान JF-17 मार गिराया। यह फाइटर जेट पाकिस्तान को चीन की ओर से तकनीकी सहयोग के रूप में मिला था। इसे गिराए जाने की घटना को भारत की वायु सुरक्षा रणनीति की एक अहम जीत माना जा रहा है।
क्या है JF-17 थंडर फाइटर जेट?
JF-17 थंडर एक हल्का, एकल इंजन वाला मल्टी-रोल फाइटर जेट है, जिसे चीन और पाकिस्तान ने संयुक्त रूप से विकसित किया है। इसका डिजाइन चेंगदू एयरक्राफ्ट इंडस्ट्री ग्रुप (CAIG) और पाकिस्तान एरोनॉटिकल कॉम्प्लेक्स (PAC) ने मिलकर तैयार किया है। इस विमान का पहला प्रोटोटाइप 2003 में उड़ान भर चुका था और तब से यह पाकिस्तान वायुसेना की रीढ़ बन चुका है।
विमान की तकनीकी विशेषताएं
JF-17 थंडर की लंबाई 14.9 मीटर, विंगस्पैन 9.45 मीटर और ऊंचाई 4.77 मीटर है। इसका अधिकतम टेकऑफ वजन 12,474 किलोग्राम तक है। यह रूसी मूल के Klimov RD-93 या चीनी Guizhou WS-13 टर्बोफैन इंजन से संचालित होता है, जो इसे अधिकतम 1.6 Mach (करीब 1,910 किमी/घंटा) की गति प्रदान करता है।
घातक हथियार प्रणाली
JF-17 में कुल सात हार्डपॉइंट्स होते हैं, जिन पर 1,500 किलोग्राम तक के हथियार लोड किए जा सकते हैं। इसमें एयर-टू-एयर मिसाइलें, एयर-टू-ग्राउंड बम, और एंटी-शिप मिसाइलें शामिल हैं। इसके प्रमुख हथियारों में PL-5, PL-12, और PL-15 मिसाइलें शामिल हैं, साथ ही GPS-गाइडेड बम भी इसकी ताकत का हिस्सा हैं। यह लड़ाकू विमान वायु और ज़मीनी दोनों लक्ष्यों पर हमला करने की क्षमता रखता है।
आधुनिक एवियोनिक्स और युद्ध कौशल
इस विमान में हेड-अप डिस्प्ले, डेटा लिंक, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम और कंप्यूटराइज्ड फ्लाइट कंट्रोल जैसे अत्याधुनिक एवियोनिक्स सिस्टम लगे हैं। इसकी लड़ाकू रेंज लगभग 2,000 किलोमीटर है, जो इसे लंबी दूरी के अभियानों के लिए उपयुक्त बनाती है।
भारत की सख्त चेतावनी
भारत ने इस कार्रवाई के जरिए स्पष्ट संकेत दिया है कि वह अपनी सीमा की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाने के लिए तैयार है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत की गई यह कार्रवाई न केवल तकनीकी दृष्टि से सफल रही, बल्कि इससे यह भी संदेश गया कि भारतीय एयर डिफेंस किसी भी प्रकार की घुसपैठ या उकसावे को बर्दाश्त नहीं करेगा।
JF-17 का गिराया जाना पाकिस्तान और चीन की रक्षा साझेदारी पर भी सवाल खड़े करता है। भारत ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि उसकी सैन्य शक्ति और सुरक्षा प्रणाली हर खतरे का जवाब देने में सक्षम है। आने वाले दिनों में इस कार्रवाई का प्रभाव द्विपक्षीय संबंधों और क्षेत्रीय रणनीति पर भी पड़ सकता है।