
Amid nuclear talks with Iran, the US deploys its second nuclear aircraft carrier, USS Carl Vinson, in the Middle East. Rising tensions is war imminent?
मिडिल ईस्ट में अमेरिका ने अपना दूसरा परमाणु एयरक्राफ्ट कैरियर USS Carl Vinson तैनात किया। ईरान से परमाणु बातचीत के बीच बढ़ा तनाव, क्या होगा युद्ध?
तेहरान/वॉशिंगटन (शाह टाइम्स) खाड़ी क्षेत्र में तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंचता दिख रहा है। अमेरिका ने अपने दूसरे परमाणु एयरक्राफ्ट कैरियर USS Carl Vinson को मिडिल ईस्ट में तैनात कर दिया है। यह अत्याधुनिक एयरक्राफ्ट कैरियर करीब 75 फाइटर जेट्स से लैस है और इसे किसी भी समय युद्ध में झोंका जा सकता है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु मुद्दे पर बातचीत का दूसरा दौर शुरू होने वाला है।
वार्ता के बीच युद्ध की तैयारी?
हाल ही में ओमान में अमेरिकी और ईरानी अधिकारियों के बीच वार्ता का पहला दौर हुआ था, जिसे तेहरान ने “सकारात्मक” करार दिया था। लेकिन, अमेरिकी सेना की हालिया गतिविधियों ने इस “सकारात्मकता” पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब जब USS Carl Vinson अपने स्ट्राइक ग्रुप के साथ अरब सागर में तैनात हो चुका है, तो अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या अमेरिका वार्ता की विफलता पर सीधे सैन्य कार्रवाई का विकल्प अपनाएगा?
हवाई हमलों की तैयारी और हूती विद्रोही निशाने पर
इसी बीच मंगलवार रात यमन में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों पर संदिग्ध अमेरिकी हवाई हमले किए गए हैं। यह हमला ऐसे समय में हुआ जब USS Carl Vinson अपने स्ट्राइक ग्रुप—जिसमें गाइडेड मिसाइल क्रूजर USS Princeton और दो मिसाइल विध्वंसक, USS Sterett और USS William P. Lawrence शामिल हैं—के साथ यमन के पास सोकोट्रा द्वीप के उत्तर-पूर्व में तैनात था।
ईरान की चेतावनी और अमेरिका का दोहरा रुख
ईरानी अधिकारी लगातार चेतावनी दे रहे हैं कि वे अपने यूरेनियम भंडार को हथियार-स्तर तक समृद्ध करने की तैयारी कर चुके हैं। वहीं, ट्रंप प्रशासन के मिडिल ईस्ट के दूत स्टीव विटकॉफ का बयान आया है कि अमेरिका 2015 के परमाणु समझौते की शर्तों पर पुनर्विचार कर सकता है, जिससे संकेत मिलता है कि बातचीत की संभावनाएं अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुई हैं।
क्या हमला होगा?
अब सबसे बड़ा सवाल यही है: क्या अमेरिका वाकई ईरान पर हमला करने की तैयारी में है? ट्रंप पहले ही कह चुके हैं कि अगर वार्ता विफल हुई, तो ईरान के परमाणु कार्यक्रम को हवाई हमलों से तबाह कर दिया जाएगा। USS Carl Vinson की तैनाती इस बयान को और गंभीर बनाती है।
USS Carl Vinson की ताकत
इस एयरक्राफ्ट कैरियर पर एक साथ 65 से 75 फाइटर जेट्स तैनात हो सकते हैं। इनमें:
35 से 40 F/A-18E/F Super Hornets
4 से 6 EA-18G Growler (इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर)
10 से 12 F-35 फिफ्थ जेनरेशन जेट्स
शामिल हैं। यह पूरा स्ट्राइक ग्रुप किसी भी देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकता है।
मिडिल ईस्ट में अमेरिका की सैन्य तैनाती और ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षाएं एक बार फिर टकराव की कगार पर हैं। आने वाले दिन यह तय करेंगे कि यह टकराव कूटनीति से सुलझेगा या जंग के रास्ते पर जाएगा।