
Security forces deployed in Murshidabad following violent protests against the Waqf Act amendment.
मुर्शिदाबाद हिंसा: वक्फ कानून विरोध की आड़ में तुर्किए से आया पैसा, तीन महीने पहले रची गई थी साजिश
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन कानून के विरोध में हुई हिंसा , BSF रिपोर्ट में विदेशी फंडिंग और कट्टरपंथी संगठनों की संलिप्तता का खुलासा
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन कानून के विरोध में हिंसा, BSF रिपोर्ट में विदेशी फंडिंग और बांग्लादेशी आतंकी संगठनों की साजिश का खुलासा। पढ़ें पूरी रिपोर्ट।
मुर्शिदाबाद, (Shah Times ) ।पश्चिम बंगाल के शांत माने जाने वाले जिले मुर्शिदाबाद में 14 अप्रैल को वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 के विरोध में आयोजित एक रैली अचानक हिंसक हो गई। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच तीखी झड़प हुई, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग घायल हो गए।
बीएसएफ की खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, इस हिंसा की साजिश तीन महीने पहले से रची जा रही थी और इसके लिए तुर्किए से फंडिंग की गई थी। रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि प्रत्येक दंगाई को 500 रुपये देकर उकसाया गया था।
BSF की रिपोर्ट में चौंकाने वाला दावा:
सीमा सुरक्षा बल (BSF) की इंटेलिजेंस रिपोर्ट में बताया गया है कि इस पूरे आंदोलन को उकसाने में बांग्लादेश के दो कट्टरपंथी संगठन—जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) की संलिप्तता है। इन संगठनों के स्लीपर सेल्स ने बंगाल में सक्रिय होकर भीड़ को भड़काया।
भारत में पहले से प्रतिबंधित JMB को बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद रिहा किया गया, जिससे इन संगठनों को दोबारा सक्रियता का मौका मिला।
प्रशासन की प्रतिक्रिया और मौजूदा स्थिति:
हिंसा के बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार ने केंद्रीय सुरक्षा बलों की मदद ली और मुर्शिदाबाद समेत अन्य संवेदनशील इलाकों में BSF तैनात की गई। जिला प्रशासन ने स्थिति को काबू में बताते हुए कहा है कि “शांति बहाली के प्रयास लगातार जारी हैं और उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।”
स्थानीय लोगों की पीड़ा:
एक स्थानीय निवासी ने बताया, “हम तो केवल कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन अचानक हालात बेकाबू हो गए। हमें समझ ही नहीं आया कि किसने पत्थरबाज़ी शुरू की।”
वहीं एक पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “हिंसा योजनाबद्ध थी। भीड़ के पास हथियार और पेट्रोल बम जैसे सामान थे। ये कोई सामान्य प्रदर्शन नहीं था।”
वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 के तहत सरकार ने वक्फ संपत्तियों की निगरानी और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कुछ बदलाव किए हैं। इस कानून का कुछ वर्गों द्वारा यह कहते हुए विरोध किया जा रहा है कि इससे उनकी धार्मिक स्वतंत्रता पर असर पड़ेगा। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह कानून भ्रष्टाचार रोकने की दिशा में अहम कदम है।
अगले कदम:
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। जांच एजेंसियां विदेशी फंडिंग और आतंकी संगठनों की भूमिका की बारीकी से जांच कर रही हैं। इसके अलावा हिंसा से प्रभावित इलाकों में सुरक्षा और खुफिया निगरानी को बढ़ा दिया गया है।
राज्य और केंद्र दोनों स्तरों पर यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों और कानून व्यवस्था बनी रहे।