
दुनिया भर में मशहूर है बरेली की दरगाह आला हजरत।
बरेली मो० इरफान, (ShahTimes)। जुबां पर बरेली का नाम आते ही लोगों को झुमके की याद आ जाती है। साल 1966 में फिल्म मेरा साया में झुमका गिरा रे बरेली के बाजार में गाना था, जो आज भी काफी लोकप्रिय है। आशा भोसले की आवाज में फिल्म के लिए गाया गया यह गीत इतना पाॅपुलर हुआ कि बरेली शहर झुमकों के लिए मशहूर हो गया। हालांकि बरेली शहर में वैसे घूमने को लेकर कुछ खास नहीं है, लेकिन यहां की दरगाह आला हजरत में दुनिया भर से लोग आते हैं और मन्नत मांग कर चादर भी चढ़ाते हैं।

उनकी दरगाह शहर के अंदर हिंदू-मुस्लिम, सिख एकता का प्रतीक है। सभी धर्मों के लोग दरगाह ए आला हजरत में अकीदत के साथ जाते हैं। सुन्नी मुसलमानों का यह सबसे बड़ा केंद्र भी माना जाता है। हर साल होने वाले उनके उर्स में लाखों की तादात में देश-विदेश से जायरीन आते हैं, दरगाह-ए आला हजरत दुनिया भर में मशहूर है। इस दरगाह के मुरीद लाखों की तादात में दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में बसे हुए हैं। यही कारण है कि उर्स-ए रजवी में लाखों की तादात में भीड़ देखने को मिलती है। दरगाह आला हजरत के अलावा भी इस शहर में कई दरगाह हैं जो ऐतिहासिक मानी जाती हैं। शाहदाना वली मियां की मजार, शराफत मियां की दरगाह, दूल्हे मियां का मजार और खानकाह-ए नियाजिया इस फेहरिस्त में शामिल हैं। इसके अलावा यहां त्रिवटीनाथ मन्दिर मौजूद है जो शहर के बाहरी हिस्से में स्थित है।

फिनिक्स माॅल और फन सिटी ऐसी जगह हैं जहां पर लोग अपना समय व्यतीत कर सकते हैं।दरगाह आला हजरत पर सुपरस्टार और बड़े-बड़े नेता भी लगा चुके हैं हाजिरी देश दुनिया में प्रचलित दरगाह आला हजरत में अक्सर लोग चादर चढ़ाने आते रहते हैं। दरगाह में आम आदमी ही नहीं सुपरस्टार और बड़े-बड़े नेता भी यहां अपनी हाजिरी लगा चुके हैं। इसके अलावा देश दुनिया से लोग समय-समय पर आकर चादर चढ़ाते हैं और मन्नत मांगते हैं। बरेली को झुमके के अलावा इसे दरगाह आला हजरत के चलते भी लोग जानते हैं।
शहर के सौदागरन मोहल्ले की तंग गलियों में स्थित इस धार्मिक स्थल को मुस्लिम संत और विद्वान आला हजरत इमाम अहमद रजा खान की याद में बनवाया गया था। बरेली जंक्शन से यह मात्र चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जंक्शन से आपको पुराना शहर के लिए ऑटो पकड़ना होगा।बरेली के त्रिवटीनाथ मन्दिर की है कुछ खास विशेषता वैसे तो बरेली में कई प्रसिद्ध मंदिर हैं। इनमें अलखनाथ मंदिर, धोपेश्वर नाथ मंदिर, काली देवी मंदिर, हरि मंदिर, पशुपति नाथ मंदिर मौजूद हैं, लेकिनत्रिवटीनाथ मन्दिर की कुछ खास विशेषता है। शहर के बाहरी हिस्से में मौजूद इस मंदिर को भगवान शिव कोत्रिवटीनाथ भी कहते हैं।

मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव या त्रिवटीनाथ ने भविष्यवाणी की थी कि वे पांचाल क्षेत्र के घने जंगलों में स्थित वट वृक्षों के नीचे सोये गड़रिए के सपनों में प्रकट होंगे। मान्यता तो यह भी है कि वटवृक्ष के नीचे सो गड़रिये ने सपने में भगवान शिव को देखा था, जब वह जागा तो उसने वृक्षों की जड़ों के शिवलिंग को पड़ा गया। इसके बाद से ही भक्त पूरी श्रद्धा के साथ इस मंदिर में जाकर पूजा करते हैं।मौज-मस्ती के लिए अच्छी जगह है बरेली की फन सिटीबरेली में बैसे तो घूमने के लिए बहुत सी जगह हैं, लेकिन जब परिवार के साथ लोगों को टाइम बिताना होता है तो वह सीधे फन सिटी का रूख करते हैं। हालांकि यहां गर्मियों में लोगों की तादाद ज्यादा रहती है।
मौज-मस्ती के लिए यह जगह काफी अच्छी है। फन सिटी दो भागों में बंटी है, जिसके एक भाग में हरी घास के मैदान, झूले हैं, विभिन्न प्रकार के सवारी के साधन हैं तो दूसरे भाग में वाटर पार्क है। जहां बच्चों से लेकर बड़े तक वाटर पार्क का भरपूर आनंद ले सकते हैं। वाटर पार्क में पानी में मस्ती करने का अपना अलग ही मजा है। वैसे तो फन सिटी शहर से बाहर है, लेकिन यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। रेलवे स्टेशन या सैटेलाइट बस स्टैंड से ऑटो के जरिए सीधे आपको पीलीभीत बाईपास पर पहुंचना होगा।