भारत में बिकने वाले स्मार्टफोन और टैबलेट के लिए सामान्य USB-C चार्जिंग पोर्ट अनिवार्य

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) जल्द ही सभी डिवाइस निर्माताओं को स्मार्टफोन और टैबलेट के लिए USB-C चार्जिंग पोर्ट को मानकीकृत करने का निर्देश देगा।

New Delhi, (Shah Times)।भारत सरकार ने घोषणा की है कि जून 2025 तक देश में बेचे जाने वाले सभी स्मार्टफोन और टैबलेट के लिए एक सामान्य USB-C चार्जिंग पोर्ट का उपयोग अनिवार्य किया जाएगा। यह कदम यूरोपीय संघ (EU) के 2022 में घोषित नियमों के अनुरूप है, जो समान उद्देश्य की पूर्ति करता है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) जल्द ही सभी डिवाइस निर्माताओं को स्मार्टफोन और टैबलेट के लिए USB-C चार्जिंग पोर्ट को मानकीकृत करने का निर्देश देगा। इसका उद्देश्य चार्जिंग उपकरणों के विविधता को कम करना और ई-कचरे को घटाना है, जिससे पर्यावरणीय लाभ भी होंगे।

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि यह नया नियम अंततः देश में बेचे जाने वाले लैपटॉप पर भी लागू होगा, हालांकि लैपटॉप के लिए यह मानक जून 2026 तक लागू होने की उम्मीद है। वर्तमान में, यह नियम फीचर फोन, ऑडियो उत्पादों और पहनने योग्य उपकरणों पर लागू नहीं होगा।

यह कदम न केवल चार्जिंग उपकरणों को मानकीकृत करेगा बल्कि उपभोक्ताओं के लिए भी सुविधाजनक होगा, जिससे उन्हें विभिन्न उपकरणों के लिए अलग-अलग चार्जर की आवश्यकता नहीं होगी। USB-C कनेक्टर का चयन इसलिए किया गया है क्योंकि यह तेज़ चार्जिंग और डेटा ट्रांसफर की सुविधा प्रदान करता है और व्यापक रूप से स्वीकार्य और उपयोग में है।

सरकार के इस निर्णय से भारतीय बाजार में स्मार्टफोन, टैबलेट और लैपटॉप निर्माताओं को अपने उत्पादों में बदलाव करने होंगे ताकि वे नए मानकों का पालन कर सकें। यह कदम डिजिटल उपकरणों की संगतता और उपयोग

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