उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने कहा कि कावड़ मेला एक बड़ा मेला होने के कारण पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती है क्योंकि हर साल कांवड़ियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इस बार भी चार करोड़ से अधिक कांवड़ियों की आने की संभावना है।
हरिद्वार (Shah Times) । उत्तराखंड में सावन के पहले सोमवार के दिन के साथ ही कांवड़ यात्रा शुरू हो गई है जिसमें इस बार लगभग पाच करोड़ कांवड़ियों के आने की संभावना जताई जा रही है।
इसी को देखते हुए उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने यहां आला अधिकारियों के साथ बैठक की और मेला को कुशलता से संपन्न करने के लिए सबको आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कावड़ मेला एक बड़ा मेला होने के कारण पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती है क्योंकि हर साल कांवरियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इस बार भी चार करोड़ से अधिक कांवड़ियों की आने की संभावना है।
अभिनव कुमार ने कहा कि इसके लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं। कांवड़ मेले के लिए लगभग 7000 पुलिस कर्मियों एवं पैरामिलिट्री फोर्स की ड्यूटी लगाई गई है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश के आला अधिकारियों के बीच में समन्वय बैठकें भी हो चुकी है और यातायात व्यवस्था की भी रूपरेखा तैयार की गई है ताकि आने वाले दिनों में यातायात व्यवस्था में किसी प्रकार का कोई व्यवधान उत्पन्न ना हो। उन्होंने कहा कि हमारा सदैव यह प्रयास रहता है की मेले में आने वाले तीर्थ यात्रियों को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो इसलिए पुलिस कर्मियों को हिदायत दी गई है कि वह कांवड़ियों के साथ मित्रता पूर्ण व्यवहार करें ताकि किसी की भावनाएं आहत न होने पाए।
वहीं जिला अधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने कहा कि कावड़ यात्रा को सकुशल संपन्न करने के लिए हमारे पास पर्याप्त फोर्स है। संपूर्ण मेला क्षेत्र को कई सेक्टर व जोन में बांट वहां पर बिजली, पानी, शौचालय व रहने की सुविधा दी गई है।
उन्होंने कहा कि हम मेले में आने वाले तीर्थ यात्रियों और भीड़ का लगातार आकलन कर रहे हैं ताकि परिस्थितियों के अनुसार व्यवस्थाओं को सुव्यवस्थित किया जा सके जिला अधिकारी ने कहा कि 30 जुलाई से भीड़ और अधिक बढ़ने की संभावना है जिसमें डाक कांवड़िए भारी संख्या में आएंगे अतः उन्हें हरिद्वार के नारसन बॉर्डर से हरिद्वार में बनाई गई लगभग 12 पार्किंग स्थलों पर डायवर्ट किया जाएगा ताकि शहर पर मैं किसी प्रकार का यातायात का दबाव ना पड़े और स्थानीय लोगों को असुविधा ना हो।
गौरतलब है कि डाक कावड़ में कांवड़िए अपने वाहनों ट्रक, चार पहिया वाहन एवं मोटरसाइकिल का इस्तेमाल करते है। लाखों की संख्या में वे इन तीन-चार दिनों में हरिद्वार आते हैं जिसको नियंत्रित करना पुलिस एवं प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है।