
Suspended IAS officers Ranu Sahu, Suryakant Tiwari, and Soumya Chaurasia granted interim bail by Supreme Court – Shah Times
छत्तीसगढ़ कोयला लेवी घोटाले में निलंबित IAS अधिकारी रानू साहू, सूर्यकांत तिवारी और सौम्या चौरसिया को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिली। जानें सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देश और मामले से जुड़ी पूरी जानकारी।
New Delhi,(Shah Times) । छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोयला लेवी घोटाले में फंसे निलंबित आईएएस अधिकारी रानू साहू, सूर्यकांत तिवारी और सौम्या चौरसिया को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। शीर्ष अदालत ने तीनों को सशर्त अंतरिम जमानत दी है, लेकिन उन्हें छत्तीसगढ़ में रहने से फिलहाल रोक दिया गया है। यह आदेश प्रवर्तन निदेशालय (ED) की गंभीर जांच और गवाहों को प्रभावित करने की आशंका के मद्देनज़र आया है।
कोयला परिवहन से जुड़े इस घोटाले में ईडी ने जुलाई 2020 से जून 2022 तक अवैध रूप से प्रति टन ₹25 की लेवी वसूली का खुलासा किया है। इस घोटाले में राज्य के कुछ वरिष्ठ राजनेताओं और नौकरशाहों की मिलीभगत सामने आई, जिसमें ऑनलाइन परमिट प्रक्रिया को ऑफलाइन कर अवैध वसूली की गई।
सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच – न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता – ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि याचिकाकर्ताओं को अंतरिम जमानत दी जाती है, बशर्ते वे निचली अदालत में जमानती बॉन्ड प्रस्तुत करें और गवाहों या साक्ष्यों को प्रभावित करने की कोई कोशिश न करें।
हालांकि, इन अधिकारियों को अभी भी आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) के अन्य मामलों के चलते जेल में रहना होगा। साथ ही, न्यायालय ने यह स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सभी आरोपी राज्य के बाहर अपना पता एक सप्ताह के भीतर संबंधित थाने में दर्ज कराएं और अपना पासपोर्ट अदालत में जमा करें।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश:
- अंतरिम जमानत अगले आदेश तक लागू।
- आरोपियों को छत्तीसगढ़ में रहने की अनुमति नहीं।
- पासपोर्ट अदालत में जमा कराना अनिवार्य।
- गवाहों से संपर्क या साक्ष्य से छेड़छाड़ पर जमानत रद्द मानी जाएगी।
- जांच एजेंसियों का पूरा सहयोग अनिवार्य।
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