
India's tough stance on the Indus Water Treaty has rattled Pakistan, Abdul Basit threatens bloodshed and nuclear war, read the full story
भारत का सिंधु जल संधि पर कड़ा रुख पाकिस्तान को बौखला दिया है, अब्दुल बासित ने भारत को खून और परमाणु युद्ध की धमकी दी, जानें पूरी खबर।
नई दिल्ली/इस्लामाबाद (शाह टाइम्स) भारत द्वारा सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार की घोषणा के बाद पाकिस्तान में हलचल तेज हो गई है। भारत ने स्पष्ट किया है कि वह 1960 से चले आ रहे इस जल समझौते का बोझ तब तक नहीं उठाएगा, जब तक पाकिस्तान सीमा पार से आतंकवाद को प्रभावी रूप से बंद नहीं करता। इस कदम से पाकिस्तान की सरकार और पूर्व राजनयिकों में घबराहट और आक्रोश देखा जा रहा है।
भारत के इस निर्णय के जवाब में पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने एक वीडियो संदेश जारी कर तीखी प्रतिक्रिया दी है। बासित ने भारत पर अंतरराष्ट्रीय कानूनों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कहा, “भारत सिंधु जल संधि को एकतरफा तरीके से खत्म नहीं कर सकता। यह केवल प्रतीकात्मक फैसला है जिससे भारत अपने लोगों को संतुष्ट करना चाहता है।”
पानी नहीं तो खून बहेगा – बासित की धमकी
अब्दुल बासित ने अपने बयान में भारत को चेतावनी दी कि यदि सिंधु नदी में पानी का प्रवाह रोका गया, तो पाकिस्तान की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया होगी। उन्होंने कहा, “अगर इस दरिया में पानी नहीं बहा, तो फिर खून बहेगा।” इस बयान से पाकिस्तान की बौखलाहट स्पष्ट रूप से झलक रही है।
परमाणु बम का डर दिखाने की कोशिश
बासित ने अपने बयान में परमाणु शक्ति का हवाला देते हुए कहा कि भारत को यह नहीं भूलना चाहिए कि यह 1971 का पाकिस्तान नहीं है। उन्होंने कहा, “यह 1998 के बाद का पाकिस्तान है, जो परमाणु शक्ति संपन्न है। हमारे पास अल्लाह का दिया बहुत कुछ है और हम बहुत कुछ कर सकते हैं।”
भारत का स्पष्ट रुख
भारत ने साफ कर दिया है कि वह एकतरफा तरीके से समझौते को समाप्त नहीं कर रहा, बल्कि समझौते के तहत अपने अधिकारों का प्रयोग कर रहा है। भारत का यह कदम उस समय आया है जब हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देश में पाकिस्तान के खिलाफ जनाक्रोश देखा गया।
परेशानी झलक रही है साफ
सिंधु जल संधि पर भारत के इस सख्त रुख से पाकिस्तान की परेशानी साफ झलक रही है। पूर्व उच्चायुक्त के उग्र और असंयमित बयानों से यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान पर दबाव बढ़ रहा है। आने वाले समय में इस मुद्दे पर भारत-पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक तनातनी और बढ़ने की संभावना है।