
After the Pahalgam terror attack, the Indian government has banned 16 Pakistani YouTube channels citing national security concerns. Find out the list of banned channels and the reasons behind the action
भारत सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा के तहत 16 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगाया है। जानिए प्रतिबंधित चैनलों की सूची और इसके पीछे की वजह।
(शाह टाइम्स) जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए घातक आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर पाकिस्तान के 16 यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इन चैनलों में डॉन न्यूज, समा टीवी, एआरवाई न्यूज और जियो न्यूज जैसे बड़े नाम शामिल हैं। इस कार्रवाई का उद्देश्य देश में फैलने वाली भ्रामक सूचनाओं और अफवाहों पर रोक लगाना है।
यूजर्स को यूट्यूब पर मिला ब्लॉक मैसेज
सोमवार, 28 अप्रैल को जब भारतीय यूजर्स ने इन पाकिस्तानी चैनलों को एक्सेस करने की कोशिश की, तो उन्हें एक संदेश दिखाई दिया जिसमें लिखा था कि “राष्ट्रीय सुरक्षा या सार्वजनिक व्यवस्था से जुड़े सरकारी आदेशों के चलते यह कंटेंट इस देश में उपलब्ध नहीं है।” पहलगाम हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में बढ़े तनाव को देखते हुए यह निर्णय लिया गया
किन यूट्यूब चैनलों पर लगाया गया प्रतिबंध?
भारत सरकार ने जिन 16 यूट्यूब चैनलों पर बैन लगाया है, उनकी सूची इस प्रकार है:
डॉन न्यूज
इरशाद भट्ट
i SAMAA TV
ARY NEWS
BOL NEWS
रफ्तार
द पाकिस्तान
जियो न्यूज
समा स्पोर्ट्स
GNN
उजैर क्रिकेट
उमर चीमा एक्सक्लूसिव
अस्मा शिराजी
मुनीब फारूक
SUNO न्यूज
रजी नामा
यूट्यूब पर बैन लगाने के पीछे क्या है वजह?
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्रालय की सिफारिश पर इन चैनलों को ब्लॉक किया गया है। इन पर भारत, भारतीय सेना और सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ भड़काऊ, सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील कंटेंट और झूठी व भ्रामक सूचनाएं फैलाने का आरोप है। सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा उपायों के तहत यह कदम उठाया है ताकि देश में कानून व्यवस्था को प्रभावित करने वाले कंटेंट को रोका जा सके।
पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों के खिलाफ बढ़ रहा है गुस्सा
सोशल मीडिया के इस युग में जहां यूट्यूब लोगों की सूचना और मनोरंजन का एक बड़ा माध्यम बन चुका है, वहीं पाकिस्तानी चैनलों पर भारत के खिलाफ अपमानजनक बातें कही जा रही थीं, जिससे भारतीय जनता में भारी आक्रोश पैदा हुआ। कई लोग सोशल मीडिया पर खुलकर इन चैनलों की आलोचना कर रहे हैं।
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में तनाव का माहौल है। ऐसे समय में इन चैनलों द्वारा फैलाए जा रहे झूठे और भड़काऊ संदेशों ने हालात को और भी संवेदनशील बना दिया था, जिससे निपटने के लिए सरकार को यह सख्त कदम उठाना पड़ा।