
AISA and DSF's united front led by Dhananjay claims victory in the JNU Student Union elections, securing 3 major seats.
JNU Election Result 2024: आइसा और डीएसएफ की जीत, एबीवीपी को मिली एक सीट
जेएनयू चुनाव परिणाम में आइसा और डीएसएफ के गठबंधन ने अध्यक्ष सहित तीन प्रमुख पदों पर जीत दर्ज की, जबकि एबीवीपी को केवल एक सीट मिली। आइसा के धनंजय और नीतिश कुमार का मजबूत नेतृत्व छात्रों में नई उम्मीद जगा रहा है।
नई दिल्ली,(Shah Times)।जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) 2024-25 सत्र के चुनाव परिणामों में एक महत्वपूर्ण मोड़ देखने को मिला। जहां अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) को 10 साल बाद एक सीट मिली, वहीं यूनाइटेड लेफ्ट, जिसमें ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) और डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (डीएसएफ) शामिल थे, ने कुल तीन सीटों पर जीत हासिल की। यह परिणाम विशेष रूप से आइसा के नेतृत्व में किए गए आंदोलनों और संगठन की मजबूती को दर्शाता है।
आइसा की सक्रियता और संघर्ष ने बदली तस्वीर
इस चुनाव के दौरान आइसा ने संघर्षों का बड़ा उदाहरण प्रस्तुत किया। अध्यक्ष पद पर धनंजय के नेतृत्व में आइसा ने भूख हड़ताल और डीओएस कार्यालय पर तालाबंदी जैसे आंदोलनों को सफलतापूर्वक लागू किया, जिससे छात्रों में विश्वास और समर्थन बढ़ा। आइसा ने अपने मजबूत नेतृत्व से ना केवल अध्यक्ष पद जीता, बल्कि अन्य महत्वपूर्ण पदों पर भी अपनी स्थिति को मजबूत किया।
लेफ्ट गठबंधन ने एबीवीपी को तीन सीटों पर शिकस्त दी
आइसा और डीएसएफ के गठबंधन ने मिलकर एबीवीपी को तीन सीटों पर हराया। अध्यक्ष पद पर धनंजय की जीत ने यूनाइटेड लेफ्ट को नया आत्मविश्वास दिया। आइसा और डीएसएफ के मिलेजुले प्रयासों ने संगठन को मजबूत किया और छात्रों के बीच अपनी पहचान बनाई।
धनंजय का नेतृत्व: आंदोलन और संघर्ष का परिणाम
धनंजय के नेतृत्व में आइसा ने छात्रों के मुद्दों पर केंद्रित रहते हुए प्रशासन से सही नीतियों की मांग की। उनकी भूख हड़ताल और विरोध प्रदर्शन ने प्रशासन को दबाव में डालने का कार्य किया और छात्रों की जीत सुनिश्चित की। उनका यह संघर्ष इस बार के चुनाव परिणामों में अहम साबित हुआ।
एसएफआई का असफल प्रयास
इस बार के चुनाव में एसएफआई ने आइसा से अलग होकर अंबेडकराइट्स के नाम से एक अलग फ्रंट बनाकर चुनाव लड़ा, लेकिन वह कोई भी सीट जीतने में कामयाब नहीं हो सके। उनका गठबंधन केवल तीसरे स्थान पर ही रह गया, जिससे उनके प्रभाव में कमी आई।
JNU Election 2025: भविष्य की दिशा
जेएनयूएसयू के इस चुनाव परिणाम से यह स्पष्ट हो गया कि आइसा और डीएसएफ का गठबंधन छात्रों के बीच एक मजबूत विकल्प के रूप में उभरा है। आगे की राह में आइसा और यूनाइटेड लेफ्ट संगठनों का सहयोग छात्रों के लिए नए बदलाव लेकर आएगा। एबीवीपी को मिली एकमात्र सीट ने इस चुनाव को और रोमांचक बना दिया, जहां एक बार फिर से लेफ्ट ने अपने वर्चस्व को साबित किया।
मुख्य परिणाम:
- अध्यक्ष: नीतिश कुमार (आइसा)
- उपाध्यक्ष: मनीषा (डीएसएफ)
- महासचिव: मुंतेहा फातिमा (डीएसएफ)
- संयुक्त सचिव: वैभव मीणा (एबीवीपी)
यह चुनाव परिणाम जेएनयू के छात्रों में राजनीति और नेतृत्व के प्रति जागरूकता का संकेत है।