
Delhi HC Chief Justice Submits Report on Justice Yashwant Verma Case, CJI to Take Action
जस्टिस यशवंत वर्मा मामले में दिल्ली HC के चीफ जस्टिस ने सौंपी रिपोर्ट, अब CJI करेंगे आगे की कार्रवाई
जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास से नकदी मिलने के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने जांच रिपोर्ट CJI को सौंपी। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की बैठक में उनके ट्रांसफर पर चर्चा। इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने किया विरोध। पढ़ें पूरी खबर।
New Delhi, (Shah Times)। हाई कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी आवास से कथित रूप से भारी मात्रा में नकदी मिलने के मामले की जांच पूरी हो गई है। इस केस की रिपोर्ट दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना को सौंप दी है। अब CJI इस रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई करेंगे।
कैसे सामने आया मामला?
14 मार्च की रात जस्टिस वर्मा के लुटियंस दिल्ली स्थित सरकारी आवास में आग लग गई थी। उस समय वह दिल्ली से बाहर थे, और उनके परिवार के सदस्यों ने आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड को बुलाया। इसी दौरान मीडिया में खबरें आईं कि आग बुझाने के दौरान बंगले में भारी मात्रा में नकदी मिली।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की बैठक और ट्रांसफर का प्रस्ताव
20 मार्च को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने इस मामले को लेकर कॉलेजियम की बैठक बुलाई। इस बैठक में जस्टिस यशवंत वर्मा का तबादला इलाहाबाद हाई कोर्ट में करने का प्रस्ताव लाया गया। साथ ही दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को मामले की जांच सौंपी गई।
फायर ब्रिगेड चीफ का बयान – नहीं मिली नकदी
दिल्ली फायर ब्रिगेड के प्रमुख अतुल गर्ग ने दावा किया कि जस्टिस वर्मा के आवास पर आग बुझाने के दौरान फायर फाइटर्स को कोई नकदी नहीं मिली।
“14 मार्च की रात 11:35 बजे कंट्रोल रूम को सूचना मिली कि जस्टिस वर्मा के आवास पर आग लगी है। दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और 15 मिनट में आग पर काबू पा लिया गया। लेकिन हमारे अग्निशमन कर्मियों को वहां कोई नकदी नहीं दिखी।” – अतुल गर्ग, फायर ब्रिगेड चीफ
जस्टिस वर्मा का बयान नहीं आया, कोर्ट से भी रहे नदारद
मामले के सामने आने के बाद जस्टिस यशवंत वर्मा शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट नहीं पहुंचे। उन्होंने अब तक अपने ऊपर लग रहे आरोपों को लेकर कोई स्पष्टीकरण या बयान जारी नहीं किया।
इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन का विरोध
इस बीच, इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने जस्टिस यशवंत वर्मा के ट्रांसफर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने कहा:
“इलाहाबाद हाई कोर्ट कोई कूड़ाघर या भ्रष्टाचार का अड्डा नहीं है, जहां किसी भी भ्रष्टाचार में आरोपी न्यायमूर्ति को भेज दिया जाए। हम ऐसा नहीं होने देंगे। हमारा कर्तव्य है कि जनता का न्यायपालिका पर विश्वास बना रहे।”
अब क्या होगा आगे?
अब जब दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने अपनी जांच रिपोर्ट CJI को सौंप दी है, तो सुप्रीम कोर्ट इस पर आगे की कार्रवाई करेगा। यह देखना होगा कि क्या जस्टिस वर्मा का ट्रांसफर होगा या उन पर कोई और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।