
"UP STF officials at the encounter site where wanted criminal Anuj Kanojia was neutralized."
ढाई लाख के इनामी बदमाश अनुज कनौजिया का एनकाउंटर: यूपी एसटीएफ को बड़ी सफलता
यूपी एसटीएफ ने झारखंड एसटीएफ के सहयोग से ढाई लाख के इनामी बदमाश और मुख्तार अंसारी गैंग के शार्प शूटर अनुज कनौजिया को जमशेदपुर में एनकाउंटर में मार गिराया। पढ़ें पूरी खबर।
जमशेदपुर,(Shah Times) । उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने झारखंड एसटीएफ के सहयोग से शनिवार देर रात ढाई लाख के इनामी बदमाश और मुख्तार अंसारी गैंग के शार्प शूटर अनुज कनौजिया को एनकाउंटर में मार गिराया। यह ऑपरेशन झारखंड के जमशेदपुर में चलाया गया, जो पूर्वांचल के अपराध जगत के लिए एक बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। इस एनकाउंटर की खास बात यह रही कि यह घटना मुख्तार अंसारी की पुण्यतिथि के अगले ही दिन हुई, जिससे यह मामला और ज्यादा चर्चा में आ गया है।
मुख्तार अंसारी गैंग का खतरनाक शूटर
अनुज कनौजिया पूर्वांचल में कुख्यात अपराधी था और मुख्तार अंसारी गैंग का मुख्य सदस्य माना जाता था। उसके खिलाफ मऊ, आजमगढ़ और गाजीपुर जिलों में हत्या, लूट, रंगदारी और अन्य गंभीर अपराधों के 23 से अधिक मामले दर्ज थे। गैंग के लिए वह जमीन कब्जाने और सरकारी ठेकों में वर्चस्व बनाए रखने का काम करता था।
दोनों हाथों से फायरिंग की विशेषता
अनुज कनौजिया की सबसे बड़ी पहचान उसकी गजब की फायरिंग क्षमता थी। वह दोनों हाथों में पिस्टल लेकर एक साथ निशाना साध सकता था, जिससे वह अपराध की दुनिया में तेजी से ऊपर पहुंच गया था। इसी खासियत की वजह से वह मुख्तार अंसारी के करीबियों में शामिल हुआ।
क्या गैंग के अंदरूनी लोगों ने की मुखबिरी?
मुख्तार अंसारी की मौत के बाद उसके गैंग की गतिविधियों पर पुलिस का शिकंजा कस गया था। इस बीच गैंग में सत्ता संघर्ष शुरू हो गया और अनुज कनौजिया की भूमिका बढ़ती गई। सूत्रों के मुताबिक, यह भी संभव है कि गैंग के ही किसी सदस्य ने पुलिस को उसकी सही लोकेशन की जानकारी दी हो।
एनकाउंटर स्पेशलिस्ट डीके शाही की भूमिका
इस ऑपरेशन को सफल बनाने में यूपी एसटीएफ के डीएसपी धर्मेश कुमार शाही की अहम भूमिका रही। डीके शाही को यूपी एसटीएफ में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में जाना जाता है। उन्होंने अब तक 50 से अधिक अपराधियों का एनकाउंटर किया है और इसके लिए उन्हें कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है।
फरारी के दौरान बढ़ता गया इनाम
अनुज कनौजिया पर 2020 में 50,000 रुपये का इनाम घोषित किया गया था, जिसे बाद में बढ़ाकर एक लाख कर दिया गया। दो दिन पहले ही डीजीपी कार्यालय ने इस इनाम की राशि बढ़ाकर ढाई लाख रुपये कर दी थी। अनुज के पिता हनुमान कनौजिया सरकारी शिक्षक थे, लेकिन अनुज ने अपराध की दुनिया में अपना करियर बना लिया।
अपराध की दुनिया में कदम
अनुज का अपराध से नाता 2006-07 में जुड़ा, जब पारिवारिक विवाद में उसके भाई पर हमला हुआ। बदला लेने की नीयत से उसने एक व्यक्ति की हत्या कर दी और इसके बाद वह मुख्तार अंसारी गैंग का हिस्सा बन गया।
गैंग पर और कसेगा शिकंजा
पुलिस ने एनकाउंटर के बाद साफ कर दिया है कि मुख्तार अंसारी गैंग के अन्य फरार अपराधियों की तलाश के लिए सघन अभियान चलाया जाएगा। यह एनकाउंटर गैंग के लिए एक बड़ा झटका है और इससे अपराध जगत में खलबली मच गई है।