
आज मणिपुर मामले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाईलेवल की बैठक की है। मणिपुर में हो रही हिंसा के मामले में पहले ही राज्य में अनुछेद 356 का प्रयोग करके राष्ट्रपति शासन लागू हो चुका है।
नई दिल्ली (Shah Times): आज मणिपुर मामले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाईलेवल की बैठक की है। मणिपुर में हो रही हिंसा के मामले में पहले ही राज्य में अनुछेद 356 का प्रयोग करके राष्ट्रपति शासन लागू हो चुका है। ऐसे में अब राज्य की कानून व्यवस्था पर कोई भी फैसला होगा वो केंद्रीय गृह मंत्रालय ही लेगा।
गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा बलों को निर्देश दिये हैं कि वे 8 मार्च से मणिपुर में सभी सड़कों पर लोगों की आवाजाही खुले तौर पर सुनिश्चित करें। शाह ने मणिपुर की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए हुई बैठक की में कहा कि सड़कों पर अवरोध पैदा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
बता दें कि मई 2023 से मेइती और कुकी समूहों के बीच हिंसा में लगभग 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो चुके हैं।
13 को लगा था राज्य में राष्ट्रपति शासन
बता दें कि सुरक्षा एजेंसीयां राज्य में कानून-व्यवस्था की समग्र स्थिति पर विस्तृत जानकारी गृह मंत्री को दे रही हैं। बैठक में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला तथा मणिपुर सरकार, सेना और अर्धसैनिक बलों के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए। एन.बीरेन सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के कुछ दिनों बाद पूर्वोत्तर राज्य में राजनीतिक अनिश्चितता पैदा हो गई थी।
यह बोले राज्यपाल अजय कुमार भल्ला
मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला उन्होंने आश्वासन दिया था कि इस अवधि के दौरान हथियार सौंपने वालों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। इस अवधि में मुख्य रूप से घाटी के जिलों में 300 से अधिक हथियार जनता द्वारा सौंपे गए। इनमें मेइती चरमपंथी समूह अरम्बाई टेंगोल द्वारा सौंपे गए 246 आग्नेयास्त्र शामिल हैं। भल्ला ने लूटे गए और अवैध हथियारों को पुलिस को सौंपने की समयसीमा शुक्रवार को बढ़ाकर छह मार्च शाम चार बजे तक कर दी थी।