
MPL banned two lakh fake gaming user accounts
नई दिल्ली । मोबाइल ईस्पोर्ट्स एवं डिजिटल गेमिंग प्लेटफॉर्म एमपीएल ने धोखाधड़ी वाले अकाउंट्स के विरुद्ध पूर्व-निर्धारित कार्यवाही कर गेमिंग का एक सुरक्षित माहौल देने की अपनी प्रतिबद्धता के तहत दो लाख अकाउंट्स बैन किये हैं।
कंपनी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि पिछली तिमाही में यह कार्रवाई की गयी। इनमें से 10 प्रतिशत से ज्यादा अकाउंट्स उत्तर प्रदेश से थे। उत्तर प्रदेश भारत के सबसे बड़े राज्यों में से एक है और इसने खुद को मोबाइल गेमिंग का उत्साह रखने वालों के लिये एक लगातार विकसित हो रहे केन्द्र के रूप में स्थापित किया है। उत्तर प्रदेश के साथ ही महाराष्ट्र, राजस्थान, बिहार और पश्चिम बंगाल इसी साल एमपीएल द्वारा जारी एक रिपोर्ट ‘इंडिया मोबाइल गेमिंग रिपोर्ट (IMGR) 2022’ के अनुसार मोबाइल गेमर्स की सबसे बड़ी संख्या के साथ शीर्ष पाँच राज्यों के रूप में उभरे हैं। इस मामले में लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, गाज़ियाबाद और प्रयागराज शहर आगे हैं। उत्तर प्रदेश में 36 प्रतिशत गेमर्स इन शहरों से आते हैं, जिससे गेमिंग के लिये उनका जुनून दिखता है। खासकर लखनऊ को गेमिंग में कौशल के लिये लगातार पहचान मिली है और उसने प्रमुख महानगरों की वृद्धि को भी पीछे छोड़ा है।
एमपीएल में सिक्योरिटी एण्ड कॉम्प्लायंस के उपाध्यक्ष रुचिर पटवा ने कहा, “प्लेयर को सबसे अधिक महत्व देने का एमपीएल का नजरिया निष्पक्ष खेल के लिये हमारी अटूट प्रतिबद्धता को बढ़ावा देता है और हम ऐसी धोखाधड़ी को बिलकुल भी सहन नहीं करते हैं, जो हमारे यूजर्स के अनुभव में बाधा डाले। एक सुरक्षित वातावरण देने के लिये हमने व्यापक उपाय किये हैं। आधुनिक टेक्नोलॉजीज, जैसे कि जीपीएस आइडेंटिफिकेशन, कठोर केवायसी चेक और मशीन लर्निंग पर आधारित पैटर्न रिकॉग्निशन, आदि के माध्यम से हम पूर्वसक्रिय तौर पर धोखाधड़ी की गतिविधियों को पहचानकर हटाते हैं और अपने सभी गेमर्स के लिये बराबरी की स्थिति सुनिश्चित करते हैं।”
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उन्होंने कहा कि एमपीएल सांठगांठ को रोकने के लिये जीपीएस आइडेंटिफिकेशन का इस्तेमाल करता है- एक-दूसरे के समीप मौजूद यूजर्स एक ही टेबल पर नहीं आ सकते हैं। इसके अलावा, टेबल का डायनैमिक एलोकेशन सुनिश्चित करता है कि जो प्लेयर्स अक्सर साथ में खेलते हैं और लगातार जीतते या हारते हैं, उन्हें अलग-अलग टेबल पर रखा जाए। धोखाधड़ी की गतिविधियों को उनकी जड़ से ही रोकने के लिये एमपीएल केवायसी और दस्तावेजों की जाँच जैसे उपाय करता है। यह प्लेटफॉर्म ऐसे यूजर्स को स्थायी रूप से ब्लॉक कर देता है, जो एक ही केवायसी दस्तावेज से कई प्रोफाइल बनाने की कोशिश करते हैं। इसके अलावा, एमपीएल ऐसे यूजर्स को ब्लॉक करता है, जो ऐसे उपकरणों से साइन इन करते हैं, जिनका इस्तेमाल पहले धोखाधड़ी की गतिविधि में किया जा चुका है। मशीन लर्निंग का फायदा उठाकर एमपीएल पूर्वसक्रिय ढंग से खेल में संदेह वाले पैटर्न दिखा रहे यूजर्स को पहचान कर उन्हें फ्लैग करता है। इस प्रकार धोखेबाजों को अनुचित काम करने से रोकने में मदद मिलती है। यह प्लेटफॉर्म जान-बूझकर की गई चालाकी का भी पता लगा लेता है, जब यूजर्स जीतने की क्षमता के बावजूद गेम को डिक्लेयर नहीं करते या हारते नहीं हैं। बार-बार ऐसा व्यवहार होने पर अकाउंट स्थायी रूप से बंद हो जाता है।