
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में विवादित मस्जिद को लेकर लोगों में एक बार फिर आक्रोश देखने को मिल रहा हैं। हजारों हिन्दू एक बार फिर सड़कों पर उतर आए। नारेबाजी के बीच सड़कों पर और विधानसभा के बाहर अपनी मांग रखी।
शाह टाइम्स। दरअसल शिमला के संजौली उपनगर की मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर हिन्दू धर्म के लोग नाराज हैं। भारी मात्रा में लोग हिमाचल विधानसभा के बाहर और संजौली की सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इनकी मांग मस्जिद के अवैध ढाचें को तोड़ना है। साथ ही बाहरी राज्यों से आ रहे मुस्लिम समुदाय के लोगों के खिलाफ भी विरोध जताया है। जिला प्रशासन की अनुमति के बगैर प्रदर्शनकारियों के जमा होने से संजौली शहर में जाम की स्थिति हो गई है। भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस को तैनात किया गया है ताकि किसी भी तरह की अनहोनी को टाला जा सके।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस मामले को लेकर अपना बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि सभी धर्मों का हिमाचल प्रदेश में सम्मान होता है। मस्जिद को गिराने की मांग करने को लेकर सड़क पर उतरी भीड़ को लेकर कहा कि किसी को भी कानून हाथ में लेने का हक नहीं है। इस मामले में संविधान के हिसाब से कानून के दायरे में रहकर कार्रवाई की जाएगी। इसे सांप्रदायिक नजर से मत देखिए। अगर मस्जिद अवैध तरीके से पाई गई तो उस पर कार्रवाई होगी।
वहीं इस मामले पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने हिमाचल प्रदेश के मंत्री अनिरुद्ध सिंह के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। और कांग्रेस पर भाजपा की भाषा बोलने का आरोप लगाया। ओवैसी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया और कहा, “क्या हिमाचल की सरकार भाजपा की है या कांग्रेस की? हिमाचल की ‘मोहब्बत की दुकान’ में नफ़रत ही नफ़रत है।
वहीं अनिरुद्ध सिंह ने ओवैसी के बयान पर जवाब देते हुए कहा कि, मन्दिर-मस्जिद किसी की निजी संपत्ति नहीं हैं। यहां वैध और अवैध का मामला है। अवैध तो अवैध है। उन्होंने कहा कि ओवैसी भाजपा की बी टीम है। उनकी राजनीति केवल एक समुदाय के दम पर चलती है। वह अपना राज्य संभालें। बाहर से आने वाले लोगों का मुद्दा गंभीर है और पहचान करना भी जरूरी है। इसी बीच उन्होंने दावा करते हुए कहा कि अपराधिक पृष्टभूमि के लोग हिमाचल आ रहे हैं।