
पीएम मोदी ने मुखबा में मां गंगा की पूजा, हर्षिल में जनसभा और शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के मुखबा में मां गंगा की पूजा-अर्चना की और हर्षिल में जनसभा को संबोधित किया।
देहरादून, (Shah Times ) । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उत्तराखंड के मुखबा और हर्षिल (PM Modi Mukhba-Harsil Visit) के दौरे पर पहुंचे। उन्होंने मुखबा में मां गंगा की पूजा-अर्चना की और उसके बाद हर्षिल में एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने शीतकालीन पर्यटन और स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया और जादुंग व पीडीए क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मोटर बाइक एवं एटीवी-आरटीवी रैली को हरी झंडी दिखाई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड दौरा प्रदेश के विकास और सुशासन की गवाही देता है। पीएम मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मजबूत राजनीतिक समझ और समन्वय ने उत्तराखंड को एक मॉडल स्टेट बना दिया है।
उत्तराखंड हमेशा से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकता में रहा
उत्तराखंड हमेशा से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकता में रहा है। जब 2021 में युवा और ऊर्जावान नेता पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री पद संभाला, तब प्रदेश राजनीतिक अस्थिरता, कोविड-19 महामारी और आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा था। लेकिन उनकी दूरदृष्टि और दृढ़ नेतृत्व ने इन सभी चुनौतियों को अवसरों में बदला।
धामी सरकार ने पीएम मोदी के नेतृत्व में बुनियादी ढांचे, पर्यटन, रोजगार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। चारधाम परियोजना, ऑल-वेदर रोड, केदारनाथ-बद्रीनाथ पुनर्निर्माण, और हेमकुंड साहिब रोपवे जैसी परियोजनाएं राज्य के विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही हैं।
मुखबा में मां गंगा की पूजा और भव्य स्वागत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तरकाशी के मुखबा गांव में स्थित गंगा मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस दौरान पारंपरिक वेशभूषा में सजी महिलाओं और स्थानीय लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया। मंदिर को सफेद और पीले फूलों से सजाया गया था, जिससे इसकी सुंदरता और भी निखर गई। पीएम मोदी ने मां गंगा के चरणों में आरती की और आशीर्वाद लिया।
हर्षिल में जनसभा: सीमावर्ती गांवों को विकसित करने का संकल्प
मुखबा के बाद पीएम मोदी हर्षिल पहुंचे, जहां उन्होंने एक जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती गांवों को अब “आखिरी गांव” नहीं बल्कि “पहला गांव” माना जाएगा और वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत इनका विकास किया जाएगा। पीएम मोदी ने 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान खाली कराए गए जादुंग गांव को दोबारा बसाने और इसे पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना की जानकारी दी।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा:
“यह दशक उत्तराखंड का दशक होगा।”
“हमारी सरकार सीमावर्ती गांवों को नए पर्यटन केंद्रों में बदलने के लिए प्रतिबद्ध है।”
“मां गंगा के आशीर्वाद से ही मुझे दशकों तक उत्तराखंड की सेवा का सौभाग्य मिला है।”
शीतकालीन पर्यटन और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा
पीएम मोदी ने हर्षिल में उत्तराखंड शीतकालीन पर्यटन और स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी का भी निरीक्षण किया। इस प्रदर्शनी में राज्य के पारंपरिक हस्तशिल्प, जैविक उत्पाद और स्थानीय व्यंजन शामिल थे। सरकार का उद्देश्य इन उत्पादों को वैश्विक बाजार तक पहुंचाना और स्थानीय कारीगरों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।




बाइक और ट्रैकिंग रैली को झंडी दिखाकर किया शुभारंभ
प्रधानमंत्री ने जादुंग और पीडीए क्षेत्रों के लिए मोटर बाइक और एटीवी-आरटीवी रैली को हरी झंडी दिखाई। इसके साथ ही, जनकताल और मुलिंगला ट्रैकिंग अभियानों की भी शुरुआत की गई। इससे उत्तराखंड के सीमावर्ती क्षेत्रों में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
हर्षिल की सुरक्षा व्यवस्था और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
प्रधानमंत्री के दौरे को ध्यान में रखते हुए हर्षिल घाटी को छावनी में तब्दील कर दिया गया था। सुरक्षा के मद्देनजर एसपीजी अधिकारियों समेत 600 से ज्यादा पुलिसकर्मियों और 300 पीएसी जवानों को तैनात किया गया था।
गौरतलब है कि हर्षिल वही स्थान है, जहां फिल्म “राम तेरी गंगा मैली” की शूटिंग हुई थी। इस क्षेत्र की मनोरम प्राकृतिक सुंदरता और शांति इसे एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनने की संभावना प्रदान करती है।
पीएम मोदी के दौरे का महत्व
पीएम मोदी का यह दौरा उत्तराखंड में पर्यटन और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इससे न केवल स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा, बल्कि देशभर के पर्यटकों का रुझान भी इस क्षेत्र की ओर बढ़ेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुखबा और हर्षिल दौरा धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन विकास की दृष्टि से ऐतिहासिक रहा। सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने, स्थानीय उत्पादों के प्रचार-प्रसार और ग्रामीण विकास को गति देने के लिए यह एक महत्वपूर्ण पहल है। इस दौरे से उत्तराखंड के पर्यटन को नई ऊंचाइयां मिलने की उम्मीद है।