
President of India formally signs the Waqf Amendment Bill, marking it into law amidst national debate.
राष्ट्रपति की मुहर के बाद वक्फ बिल बना कानून, सुप्रीम कोर्ट में चुनौती,विपक्ष और मुस्लिम संगठन आमने-सामने
राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद वक्फ संशोधन बिल बना कानून: विरोध के सुर तेज, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
वक्फ (संशोधन) बिल राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून बन गया है। सुप्रीम कोर्ट में तीन याचिकाएं दाखिल, मुस्लिम संगठनों का विरोध, जानें पूरा विवाद।
नई दिल्ली, (Shah Times)। वक्फ (संशोधन) बिल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिलने के साथ ही यह अब कानून बन गया है। केंद्र सरकार ने शनिवार देर शाम गजट नोटिफिकेशन जारी कर इसकी पुष्टि की। हालांकि, इस कानून को लागू करने की तारीख केंद्र द्वारा एक अलग नोटिफिकेशन के ज़रिए घोषित की जाएगी।
यह बिल 2 अप्रैल को लोकसभा और 3 अप्रैल को राज्यसभा से पारित हुआ था। दोनों सदनों में करीब 12-12 घंटे तक चर्चा हुई थी। इस दौरान लोकसभा में 288 सांसदों ने बिल के पक्ष में जबकि 232 ने विरोध में वोट डाला। वहीं, राज्यसभा में इसे 128 सांसदों का समर्थन मिला, जबकि 95 सांसदों ने विरोध जताया।
कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में तीन याचिकाएं
इस कानून के खिलाफ विरोध लगातार तेज होता जा रहा है। अब तक तीन याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की जा चुकी हैं। कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद, AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी और AAP विधायक अमानतुल्लाह खान ने इसे चुनौती दी है। उनका कहना है कि यह कानून मुस्लिम समुदाय के मौलिक अधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करता है।
सरकार का पक्ष: ‘दुरुपयोग और अतिक्रमण रोकने के लिए जरूरी’
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कानून का बचाव करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों में हो रहे दुरुपयोग, पक्षपात और अतिक्रमण को रोकना है। उन्होंने इसे पारदर्शिता और जवाबदेही लाने वाला कदम बताया।


राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का समर्थन
बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने भी इस कानून का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, “वक्फ संपत्तियां अल्लाह की मानी जाती हैं और इनका उपयोग गरीबों और जरूरतमंदों के लिए होना चाहिए। गैर-मुस्लिमों को भी इन संपत्तियों में बराबरी का अधिकार मिलना चाहिए।”
AIMPLB और अन्य मुस्लिम संगठनों का विरोध
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने इस कानून के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। शनिवार को जारी दो पेज के बयान में AIMPLB ने कहा कि वक्फ संशोधन इस्लामी मूल्यों, धर्म और शरीयत के साथ-साथ भारतीय संविधान की मूल भावना पर भी हमला है। बोर्ड ने देशभर में धार्मिक और सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर आंदोलन छेड़ने का ऐलान किया है।
विपक्ष के तीखे सवाल
- राहुल गांधी ने कहा, “वक्फ बिल मुसलमानों पर हमला करता है और अन्य अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने की शुरुआत है।”
- मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि सरकार वक्फ संपत्तियां अमीर व्यापारियों को देना चाहती है और यह संविधान के खिलाफ है।
- महबूबा मुफ्ती ने इसे ‘वक्फ पर डाका’ करार दिया और पारदर्शिता की मांग की।
- आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी ने कहा कि यह कानून अल्पसंख्यकों के खिलाफ सरकार की मंशा को उजागर करता है।
आगे क्या?
कानून को लेकर विरोध लगातार तेज हो रहा है और सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई अब इसका अगला अहम पड़ाव होगी। साथ ही, यह देखना दिलचस्प होगा कि केंद्र सरकार इस कानून को लागू करने की तारीख कब और कैसे तय करती है।
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