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राहुल गांधी की स्वीकार्यता बढ़ रही है यह बात उनके यूट्यूब चैनल ने पिछले एक महीने में 350 मिलियन व्यूज यानि 35 करोड़ व्यूज प्राप्त कर एक नया रिकॉर्ड बनाया है।
लखनऊ,(Shah Times)। भारत में जब किसी को पंसद किया जाता है तो वह ऐसे शख्स पर भी विश्वास कर लेती है जिसके वह लायक़ ही नहीं होता है और ऐसे शख्स को नकार देती हैं जो इस विश्वास के लायक होता है देखा जाए तो जननायक कांग्रेस लीडर व वायनाड से सांसद राहुल गांधी के साथ इस देश की जनता ने ऐसा ही किया है जबकि यह बात सब बुद्धिजीवी मानते थे है और यह बात उन्होंने साबित भी की है कि राहुल गांधी एक अच्छी विचारधारा के साथ देश के भविष्य के लिए अच्छे विचार रखता हूँ।
जैसे देश में आपातकाल की तर्ज़ पर नोटबंदी की गईं उसको उन्होंने गलत मानते हुए विरोध किया गलत तरीके से जीएसटी लागू की गई उसका भी विरोध किया अग्ननिवीर योजना का विरोध किया किसानों के लिए उनकी राय लिए बिना तीन कानून लाए गए उसका विरोध किया जिसको सरकार ने वापिस लेकर अपनी गलती मानी करोना को लेकर सतर्क होने या रहने की बात की लेकिन सरकार ने अपनी हठधर्मिता के चलते लोगों को मरने के लिए विवश किया,लेकिन यहाँ की जनता ने राहुल गांधी को समझने में देर कर दी है, देर से ही सही लगता हैं कि अब राहुल गांधी की स्वीकार्यता बढ़ रही है यह बात उनके यूट्यूब चैनल ने पिछले एक महीने में 350 मिलियन व्यूज यानि 35 करोड़ व्यूज प्राप्त कर एक नया रिकॉर्ड बनाया है।
किसी व्यक्तिगत एकाउंट के लिये ये एक बड़ी उपलब्धि है। अब ये नंबर वन यूट्यूब चैनल बन गया है, इतना ही नहीं, राहुल गांधी के यू-ट्यूब चैनल पर 5.55 मिलियन सब्सक्राइबर हैं और पिछले 72 घंटे में 1 लाख फॉलोअर्स और जुड़े हैं।
वहीं अगर उनके इंस्टाग्राम अकाउंट की बात की जाए तो उनके कुल 190 मिलियन व्यूज हैं और 7.9 मिलियन सब्सक्राइबर्स हैं,इसके अलावा उनके दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की बात करें तो एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर 25.5 मिलियन फॉलोवर्स हैं. फेसबुक पर 70 लाख और व्हाट्सऐप चैनल पर 6.3 मिलियन फॉलोवर्स हैं, पिछले एक महीने में ट्विटर/फेसबुक पर जुड़ने वाले लोगों में औसतन 40 प्रतिशत की वृद्धि और यूट्यूब और इंस्टा पर जुड़ने वाले लोगों में 300 से 400 प्रतिशत की औसत वृद्धि हुई है।
राहुल गांधी के नाम एक और बड़ी उपलब्धि ये है कि प्रधानमंत्री मोदी के मंगल सूत्र ,घर ,सम्पत्ति व भैंस छिनने वाले बयान के बाद कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र को 88 लाख लोगों ने डाउनलोड किया है।राहुल गांधी की छवि को खराब करने के लिए गोदी मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक ने अपनी भूमिका निभाई है यह बात अलग है हजारों करोड़ रुपये राहुल गांधी की छवि ज्यादा दिनों तक खराब नहीं की जा सकी दस हजार किमी की पेदल यात्रा ने उस हजारों करोड़ पर पानी फेर दिया जो उनकी छवि खराब करने पर किए गए थे। आज आलम यह है कि राहुल गांधी हर दिन साम्प्रदायिकता के सहारे चलने वालों की निंद उड़ाएँ हुए हैं और वह लगातार ऐसे लीडरों के लिए चुनौती बनते जा रहे है।