
लेटेस्ट डेटा के अनुसार, मार्च 2024 के अंत तक आरबीआई के पास कुल 822.1 टन सोना था, जिसमें से 413.8 टन विदेशों में जमा था। RBI पिछले कुछ सालों में सोना खरीदने वाले केंद्रीय बैंकों में से एक है।
~Neelam Saini
नई दिल्ली,(Shah Times)। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा ब्रिटेन से 100 टन से भी अधिक सोना देश में लाया गया है। यह भारत के लिए बड़ी उपलब्धि है। देश की अर्थव्यवस्था पर भी इसका प्रभाव देखने को मिलेगा। भारत में अब परिस्थितियां बदल रही है। एक समय था जब देश को सोना बाहर रखना पड़ता था लेकिन अब देश अपना सोना हिंदुस्तान वापस ला रहा है। यह 1991 की शुरुआत के बाद पहली बार है, जब इतना अधिक सोना भारत के भंडार में वापस आया है। लेटेस्ट डेटा के अनुसार, मार्च 2024 के अंत तक RBI के पास कुल 822.1 टन सोना था, जिसमें से 413.8 टन विदेशों में जमा था।
RBI पिछले कुछ सालों में सोना खरीदने वाले केंद्रीय बैंकों में से एक है। पिछले वित्त वर्ष में रिजर्व बैंक के सोने के भंडार में 27.5 टन सोना बढ़ा है। 100 टन सोने को भारत लाने के लिए महीनों की प्लानिंग की गई और फिर पूरे प्लान को एग्जीक्यूट किया गया। प्लानिंग और एग्जीक्यूशन में वित्त मंत्रालय, RBI और सरकार की अन्य विंग के साथ लोकल अथॉरटीज शामिल रहीं। दरअसल दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों के लिए बैंक ऑफ इंग्लैंड पारंपरिक रूप से भंडार गृह रहा है।
भारत भी इससे अलग नहीं है। आजादी से पहले से लंदन में भारत के सोने के स्टॉक पड़े हुए हैं। एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया की आरबीआई ने कुछ साल पहले सोना खरीदना शुरू किया था और यह तय किया कि वह इसे कहां स्टोर करना चाहता है। चूंकि विदेशों में भारत का स्टॉक बढ़ रहा था, इसलिए कुछ सोना भारत लाने का फैसला किया गया। भारत में सोने के प्रति मोह किसी से छिपा नहीं है। सोने का खोना, गिरवी रखना या बेचना किसी भी परिवार के लिए अच्छा नहीं माना जाता। एक समय ऐसा भी आया था, जब भारत को सोना गिरवी भी रखना पड़ा था। जबकि ,आरबीआई ने लगभग 15 साल पहले अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से 200 टन सोना खरीदा था। पिछले कुछ सालों में भारतीय केंद्रीय बैंक द्वारा खरीद के माध्यम से स्टॉक में लगातार वृद्धि हुई है।