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संजीव बालियान पर भारी पड़ती दिखी संगीत की धुन
संगीत सोम ने एक के बाद खोल दी पूर्व सांसद संजीव बालियान के भ्रष्टाचार की पोल।
शाहवेज खान
मेरठ,(Shah Times) । मुजफ्फरनगर सीट पर भाजपा को मिली करारी हार के बाद अब खुद भाजपा नेताओं में रार देखने को मिल रही है, सोमवार को पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री मुज़फ़र नगर के पूर्व सांसद संजीव बालियान ने प्रेस वार्ता कर सरधना के पूर्व विधायक संगीत सोम पर चुनाव में भाजपा विरोधी काम करने और सपा प्रत्याशी को चुनाव लड़वाने के आरोप लगाए थे साथ ही इस हार का ठीकरा संगीत सोम पर फोड़ा तो वही अगले दिन मंगलवार को सरधना के पूर्व विधायक संगीत सोम ने भी केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के खिलाफ भ्रष्टाचार का पूरा काला चिट्ठा ही खोल कर रख दिया ।
संगीत सोम ने प्रेस वार्ता कर एक के बाद एक ऐसे राज बताएं जिसके बाद अब केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान की मुश्किल और ज्यादा बढ़ सकती है । संजीव बालियान पर तालाबों की साफ सफाई और तालाबों पर कब्जा करने के आरोप लगाए तो वही संगीत सोम ने यह भी खुलासा किया है कि संजीव बालियान ने ऑस्ट्रेलिया के अंदर अकूक संपत्ति खरीदी है और अपने खास लोगों को शुक्रताल के अंदर कई सौ बीघा जमीन दिलाई है इसी के साथ नेलोपा के नेता नफे की हत्या में भी संजीव बालियान के नाम को जोड़ा है । वही मुज़फ्फरनगर में हुए जिला पंचायत के चुनाव में पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष यशपाल पंवार को संजीव बालियान ने ही हरवाया था और रिहान नाम के मुस्लिम को जबरन जितवा कर अपने पक्ष में किया था , वही संगीत सोम ने आरोप लगाया कि संजीव बालियान ने अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए पुरकाजी से विधायक ऊंटवाल, उमेश मालिक, खतौली से विक्रम सैनी, और खुद सरधना से मुझे हरवाने के लिए क्या भूमिका निभाई है यह किसी से छुपी नहीं है पार्टी स्तर पर इसकी भी जांच होनी जरूरी है।
संजीव बालियान ने उठाया मंत्री पद का गलत फायदा
सरधना के पूर्व विधायक संगीत सोम ने पूर्व सांसद संजीव बालियान के खिलाफ आरोपों का पिटारा खोल दिया है उन्होंने संजीव बालियान पर एक के बाद एक बड़े आरोप लगाए हैं उनका कहना है कि संजीव मुज़फ्फर नगर में नकली खाद बनाने की फैक्ट्री लगाकर इफको कंपनी को जबरन अपनी कंपनी का कॉन्ट्रैक्ट देने के लिए मजबूर करते आए हैं इसी के साथ गौरव स्वरूप के साथ मिलकर उन्होंने इथेनॉल की फैक्ट्री लगाई है साथ ही साथ अब बंटी स्वरूप के साथ भी वह काम कर रहे हैं और इसी के बदौलत उन्होंने नगर पालिका का टिकट गौरव स्वरूप की पत्नी मीनाक्षी स्वरूप को कराया जो समाजवादी पार्टी को छोड़कर भाजपा में आए थे उनके भाजपा में आने से भाजपा के पुराने और कर्मठ कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटा है वही हापुड़ में भी शुगर फैक्ट्री के ऊपर दबाव बनाकर नकली माल भेजा गया ।इसी के साथ-साथ कादिर राणा के साथ संजीव बालियान की पार्टनरशिप के किस्से पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बने हुए हैं । संजीव बालियान ने अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए किसी को नहीं बख्शा और मंत्री पद की बदौलत उन्होंने बेशुमार संपत्ति इकट्ठा कर ली है और इस बीच उन्होंने भाजपा के कार्यकर्ताओं को भी हारने और दबाने का काम किया है जिसके कारण इस बार में अपने ही बने हुए जल में फंस गए।
संजीव बालियान पर भारी पड़ते दिख रहे संगीत सोम
भाजपा के पूर्व सांसद केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने जिस तरीके से सरधना के पूर्व विधायक संगीत सोम पर आरोप लगाए हैं उसके बाद संगीत सोम ,संजीव बालियान पर हमलावर हुए हैं ऐसा लग रहा है जैसे संगीत सोम संजीव बालियान पर भारी पड़ सकते हैं संजीव बालियान ने तो संगीत सोम पर हार का ठीकरा फोड़ा तो वही संगीत सोम में संजीव बालियान की हार को उनके घमंड का निचोड़ बताया तो वही संजीव बालियान के द्वारा इकट्ठा की गई अकूक संपत्ति का भी ब्यौरा भी संगीत सौम ने प्रेस वार्ता में सबके सामने उजागर कर दिया और एक के बाद एक संजीव बालियान की संपत्ति को भी सबके सामने लाकर रख दिया। इसमें कोई दो राय नहीं है कि संजीव बालियान मंत्री बनने के बाद बेशुमार संपत्ति के मालिक बन गए हैं और उन्होंने अपनी ताकत को बढ़ाने के लिए खुद भाजपा के नेताओं को भी नहीं बक्शा जिस कारण 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा
सरधना नही बुढ़ाना से हारे है संजीव बालियान
संजीव बालियान ने संगीत सोम पर चुनाव हरवाने के आरोप लगाए है जिसके बाद संगीत ने कहा कि संजीव सरधना से चुनाव नही हारे है बल्कि वह उस जगह चुनाव हारे है जहां पर भाजपा के लिए रालोद को काम करना था यानी बुढ़ाना, मुज़फ्फर नगर में हुई भाजपा की हार का ठीकरा संगीत सोम ने बुढ़ाना पर फोड़ा है ,आपको बता दे कि बुढ़ाना में भाजपा के संजीव बालियान को 1 लाख 75 वोट मिले, वही इंडिया गठबंधन के हरेंद्र मालिक को 1 लाख 16 हज़ार 151 वोट मिले, सपा प्रत्याशी यहां से 16 हज़ार वोट से जीत कर निकले। वही सरधना की बात करे तो यहां पर भाजपा को 80 हज़ार 7 सो इक्यासी वोट मिले, वही हरेंद्र मालिक को 80 हज़ार आठ सो 26 वोट मिले यानी सपा यहां पर मात्र 45 वोट से ही सपा जीत पाई, ऐसे में आंकड़ो पर नज़र दौड़ाए तो मुज़फ़र नगर में रालोद -भजपा गठबंधन का फायदा भाजपा को नही पहुचा बल्कि रालोद अपना फायदा निकालने में कामयाब रही।