
आपका बच्चा मोबाइल की लत के चलते कोई खौफनाक कदम न उठाए। इसके लिए बहुत ही ध्यान देने की जरूरत है। हर मां बाप को सतर्क रहने की जरूरत है। इस लत और इससे पैदा होने वाले मनोवृति से बचाने के लिए माता-पिता को भी अलर्ट रहना होगा।
आजकल स्मार्ट फोन ने बड़ों को ही नहीं बल्कि नादान बच्चों को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। मोबाइल पर तरह तरह की वीडियो देखने ओर गेम खेलने के बाद बच्चे अपनी एक अलग दुनिया बना लेते हैं, वह उनको इतनी अच्छी लगती है कि अगर कोई उनको रोकता और टोकता है तो उनको लगता है कि उस प्यारी सी दुनिया को कोई उनसे छीनने की कोशिश कर रहा है और वह कुछ ऐसा कर देते हैं जिसके बारे में आप सोच भी नही सकते।
आजकल के बच्चे पूरा दिन मोबाइल में लगे रहते हैं। उन्हें फोन न दो तो वह गुस्सैल, चिड़चिड़े ही नहीं होते बल्कि मारपीट और खौफनाक कदम उठाने तक पर उतारू हो जाते हैं। ऐसा ही एक मामला राजस्थान से सामने आया है जहां इस मोबाइल ने एक मां की गोद उजड़ दी। दरअसल कोटा में एक मां ने अपनी बेटी अर्चना से मोबाइल छीनकर डांटा दिया तो उसकी बेटी ने मौत को ही गले लगा लिया।
बताया जा रहा हैं कि मृतका बच्ची सातवीं क्लास में पढ़ती थी। 2 जुलाई को उसे स्कूल जाना था। जब उसकी मां सब्जी लेने गई तो वह मोबाइल में गेम खेलने में व्यस्त हो गई। मां लौटी तो अर्चना, अर्चना पुकारा लेकिन बेटी कैसे सुनती वो तो गेम खेलने में मशगूल थी। बच्चों में गेम को लेकर दीवानगी ही कुछ ऐसी है कि वह इसके आगे सुनते ही कहां हैं। मां कमरे में गई तो बेटी को डांट लगा दी। मां बोली-कल स्कूल है अपना बैग लगा ले, थोड़ी पढ़ाई कर ले। इतना बोलकर उसने अपनी से मोबाइल छीना और कमरे से बाहर चली गई।
थोड़ी देर बाद जब बच्ची की मां कमरे आई तो उसके पैरो तले जमीन खिसक गई। क्योंकि उसकी बेटी ने जरा सी डांट सुनकर मौत को गले लगा लिया।
आपकों बता दें कि 14 साल की अर्चना बैरवा के पिचा राधेश्याम बैरवा नल फिटिंग का काम करते हैं। उनकी लाड़ली अब इस दुनिया में नहीं है।v उसके चाचा का कहना है कि अर्चना पढ़ाई में बहुत होशियार थी। वह ज्यादा मोबाइल नहीं चलाती थी। जब भी चलाती थी तो फिर थोड़ी देर बाद बंद भी कर देती थी। लेकिन उस दिन मां ने थोड़ा सा क्या डांटा ये बात उसके दिल को ऐसी लग गई कि उसने अपनी जान दे दी। 5 दिन पहले ऐसी ही घटना जोधपुर से सामने आई थी। टेबलेट में व्यस्त बेटी को मां-बाप ने क्या डांटा कि 5वीं क्लास की बच्ची ने मौत को गले लगा लिया। यह बहुत ही डरा देने वाला है। अब सवाल यही है कि बच्चों को आखिर क्या होता जा रहा है। मोबाइल की ये लत कैसे उसकी जान की दुश्मन बनती जा रही है।
आपका बच्चा मोबाइल की लत के चलते कोई खौफनाक कदम न उठाए। इसके लिए बहुत ही ध्यान देने की जरूरत है। हर मां बाप को सतर्क रहने की जरूरत है। इस लत और इससे पैदा होने वाले मनोवृति से बचाने के लिए माता-पिता को भी अलर्ट रहना होगा।