
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ – 18 लोगों की मौत, 12 जख्मी
महाकुंभ में जाने वालों की भारी भीड़ की वजह प्लेटफॉर्म 12-16 पर हादसा
रेल मंत्री का बयान – स्थिति नियंत्रण में, विशेष ट्रेनें चलाई जा रही
रेलवे ने भगदड़ की खबर को अफवाह बताया
लोकनायक अस्पताल ने 18 मौतों की पुष्टि की
राजनाथ सिंह और एलजी वी. के. सक्सेना ने जताया शोक
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर महाकुंभ मेले में जाने वाले यात्रियों की भीड़ के कारण भगदड़ मच गई। इस हादसे में 18 लोगों की मौत हो गई और 12 घायल हो गए। केंद्र ने जांच के आदेश दिए। रेलवे और प्रशासन पर अव्यवस्था के आरोप लगे।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़: 18 की मौत, 12 घायल, केंद्र ने दिए जांच के आदेश
महाकुंभ यात्रा के दौरान हादसा
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात भगदड़ मच गई, जिसमें 18 लोगों की मौत हो गई और 12 लोग घायल हो गए। हादसा उस समय हुआ जब हजारों यात्री प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों में सवार होने के लिए स्टेशन पहुंचे।
लोकनायक अस्पताल ने मृतकों की पुष्टि की है। बताया जा रहा है कि प्लेटफार्म नंबर 12, 13, 14, 15 और 16 पर भीड़ बहुत ज्यादा हो गई थी, जिसके चलते भगदड़ मच गई।
क्या हुआ था?
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार,
प्रयागराज ट्रेन पहले से ही यात्रियों से भरी थी।
स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस और भुवनेश्वर राजधानी लेट होने से यात्रियों की भीड़ बढ़ गई।
भीड़ प्लेटफार्म 16 के एस्केलेटर और प्लेटफार्म 14-15 पर अधिक हो गई।
धक्का-मुक्की में महिलाएं और बच्चे गिर पड़े और लोग उनके ऊपर से निकलने लगे।
रेल मंत्री का बयान – स्थिति नियंत्रण में
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट कर कहा, “नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर स्थिति नियंत्रण में है। दिल्ली पुलिस और आरपीएफ तैनात हैं। घायलों को अस्पताल भेजा गया है।”
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, यात्रियों को समायोजित करने के लिए विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं।
रेलवे ने घटना को अफवाह बताया
हालांकि, उत्तर रेलवे के सीपीआरओ ने भगदड़ की खबर को अफवाह बताया। रेलवे का कहना है कि प्रयागराज के लिए दो विशेष ट्रेनें पहले से नियोजित थीं और पुलिस हालात पर नजर रख रही है।
लोकनायक अस्पताल ने मौतों की पुष्टि की
घायलों को लोकनायक अस्पताल और अन्य चिकित्सा केंद्रों में भर्ती कराया गया। लोकनायक अस्पताल प्रशासन ने 18 लोगों की मौत की पुष्टि की है।
हादसे के प्रमुख कारण
स्टेशन पर भीड़ प्रबंधन की कमी – रेलवे को महाकुंभ की भीड़ का अंदाजा नहीं था।
लेट चल रही ट्रेनें – जिससे कई प्लेटफार्मों पर यात्रियों का जमावड़ा बढ़ गया।
जरूरत से ज्यादा टिकटों की बिक्री – बिना भीड़ नियंत्रण के जनरल टिकट बेचे जाते रहे।
सीढ़ियों और एस्केलेटर पर भीड़ – स्टेशन पर मौजूद सुरक्षाकर्मी भी स्थिति संभालने में असमर्थ रहे।
एलजी वी. के. सक्सेना का बयान
दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और मुख्य सचिव और पुलिस आयुक्त को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। एलजी ने कहा कि सभी अस्पतालों को आपात स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा गया है।
कार्यवाहक मुख्यमंत्री आतिशी का केंद्र पर आरोप
दिल्ली की कार्यवाहक मुख्यमंत्री आतिशी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “महाकुंभ जाने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा की ना केंद्र सरकार को चिंता है और ना यूपी सरकार को।”
उन्होंने कहा कि रेलवे को जल्द से जल्द यात्रियों की मदद करनी चाहिए।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने घायलों से की मुलाकात
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने एल.एन.जे.पी. अस्पताल जाकर घायलों से मुलाकात की और कहा, “केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने डॉक्टरों को उचित निर्देश दिए हैं। रेलवे ने प्रयागराज के लिए तीन विशेष ट्रेनें चलाई हैं।”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जताया दुख
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस हादसे पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।”
पहले भी हो चुके हैं ऐसे हादसे
16 मई 2010 को भी नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मची थी, जिसमें 2 लोगों की मौत और 30 लोग घायल हुए थे।
यह हादसा रेलवे और प्रशासन की लापरवाही को उजागर करता है। महाकुंभ जैसे आयोजनों के दौरान भीड़ नियंत्रण की तैयारी पहले से होनी चाहिए थी। केंद्र ने जांच के आदेश दे दिए हैं, लेकिन यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्थायी समाधान निकालने की जरूरत है।