
मोदी एक्वेस्ट्रियन एकेडमी में घुड़सवारी प्रतियोगिता का रोमांच राणा स्टड फार्म की युवा घोड़ी
मोदीपुरम में चल रही राष्ट्रीय घुड़सवारी चैंपियनशिप में राणा स्टड फार्म की घोड़ी “अज़ीज़ा” ने शानदार प्रदर्शन कर पहला स्थान हासिल किया।
राष्ट्रीय घुड़सवारी चैंपियनशिप (National Equestrian Championship) भारतीय खेल जगत में एक महत्वपूर्ण प्रतियोगिता बन चुकी है। यह न केवल खिलाड़ियों की उत्कृष्टता को दर्शाती है बल्कि भारतीय घुड़सवारी के उच्च मानकों को भी स्थापित करती है। इस वर्ष की प्रतियोगिता में राणा स्टड फार्म की युवा घोड़ी “अज़ीज़ा” ने अपनी अद्भुत क्षमता का परिचय दिया और प्रथम स्थान हासिल किया।
राणा स्टड फार्म की मरवाड़ी घोड़ी “अज़ीज़ा” ने नेशनल इक्वेस्ट्रियन चैंपियनशिप (NEC) यंग हॉर्स चैंपियनशिप टूर में पहला स्थान हासिल कर इतिहास रच दिया। वह राष्ट्रीय स्तर पर शो जंपिंग में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली मरवाड़ी घोड़ी बन गई हैं।
अज़ीज़ा ने इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में डच वार्मब्लड्स और थोरब्रेड्स जैसे अत्यधिक प्रशिक्षित घोड़ों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा की और शानदार प्रदर्शन करते हुए प्रथम स्थान प्राप्त किया।
इस उपलब्धि से मरवाड़ी घोड़ा समुदाय गर्व से अभिभूत है। अज़ीज़ा के इस शानदार प्रदर्शन के पीछे उनकी बेहतरीन वंशावली भी है—वह सलमान खान के सुंदर स्टैलियन ‘तैमूर’ की संतान हैं।
अज़ीज़ा की यह उपलब्धि घुड़सवारी जगत के लिए प्रेरणादायक है। इससे यह भी साबित होता है कि भारतीय घुड़सवारी प्रशिक्षण अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार है। सरकार और खेल संस्थानों को इस खेल को और बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएँ बनानी चाहिए, जिससे भारत इस क्षेत्र में भी वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना सके।


पूरी खबर: नेशनल इक्वेस्ट्रियन चैंपियनशिप में अज़ीज़ा ने दिखाया दम
मोदीपुरम,(Shah Times) । मोदी एक्वेस्ट्रियन एकेडमी में चल रही राष्ट्रीय घुड़सवारी चैंपियनशिप में गुरुवार को रोमांचक मुकाबले देखने को मिले। इस दौरान टीम इवेंट और व्यक्तिगत प्रीलिम मुकाबले खेले गए, जिसमें देशभर के अनुभवी और युवा घुड़सवारों ने भाग लिया।
टीम इवेंट में दूसरे राउंड के बाद चार टीमें फाइनल में पहुंचीं, लेकिन प्रतियोगिता का मुख्य आकर्षण रहा व्यक्तिगत वर्ग, जहां राणा स्टड फार्म की युवा घोड़ी “अज़ीज़ा” (Mare Aziza) ने शानदार प्रदर्शन किया और पहला स्थान हासिल किया।
अज़ीज़ा का शानदार प्रदर्शन
इस प्रतियोगिता में कई घोड़ों ने भाग लिया, लेकिन अज़ीज़ा की फुर्ती, संतुलन और प्रशिक्षित चाल ने निर्णायकों को प्रभावित किया। उसकी गति और नियंत्रण ने प्रतियोगिता में उसे बाकी घोड़ों से अलग बना दिया।
राणा स्टड फार्म के प्रशिक्षकों का कहना है कि अज़ीज़ा की यह जीत उनके वर्षों की मेहनत और आधुनिक घुड़सवारी प्रशिक्षण तकनीकों का परिणाम है। इस उपलब्धि से साबित होता है कि भारतीय घोड़े और घुड़सवार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उत्कृष्ट प्रदर्शन करने की क्षमता रखते हैं।
भारत में घुड़सवारी खेल का भविष्य
राष्ट्रीय घुड़सवारी चैंपियनशिप जैसे आयोजनों से युवा घुड़सवारों को अपना कौशल दिखाने का मौका मिलता है। यह खेल अब धीरे-धीरे लोकप्रियता हासिल कर रहा है और सरकार द्वारा उचित सहयोग मिलने पर यह वैश्विक मंच पर भी भारत को गौरवान्वित कर सकता है।