
Delhi Police investigates the daylight murder of property dealer Rajkumar Dalal near his residence in Paschim Vihar.
दिल्ली के पश्चिम विहार में प्रॉपर्टी डीलर राजकुमार दलाल की दिनदहाड़े हत्या ने इलाके में सनसनी फैला दी। शुरुआती जांच में छह करोड़ की विवादित जमीन को हत्या की बड़ी वजह माना जा रहा है।
हत्या या साजिश? राजधानी दिल्ली में कानून-व्यवस्था पर उठते सवाल
New Delhi (Shah Times) । नई दिल्ली के पश्चिम विहार इलाके में दिनदहाड़े हुई प्रॉपर्टी डीलर राजकुमार दलाल की निर्मम हत्या ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है—क्या राजधानी की सड़कों पर आम नागरिक की सुरक्षा अब केवल एक भ्रम बनकर रह गई है?
राजकुमार दलाल एक प्रतिष्ठित प्रॉपर्टी कारोबारी थे, जिनकी पहचान न सिर्फ स्थानीय स्तर पर थी, बल्कि उनका कारोबार टिकरी कला जैसे व्यावसायिक हब में फैला हुआ था। शुक्रवार की सुबह जब वह रोज़ की तरह अपने जिम के लिए निकले, तब किसी को अंदाज़ा नहीं था कि यह उनकी आखिरी यात्रा होगी।
हमलावर पहले से रेकी कर रहे थे। गाड़ी ब्रेकर पर धीमी हुई, और तभी 16 राउंड फायरिंग कर दी गई, जिनमें से 8 गोलियां सीधे उनके सीने में जा धंसीं। यह कोई तात्कालिक रंजिश नहीं, बल्कि एक योजनाबद्ध हत्या थी, जिसमें पेशेवर शूटरों का इस्तेमाल किया गया।
क्या छह करोड़ की विवादित जमीन बना हत्या की जड़?
पुलिस सूत्रों की मानें तो हत्या की तह में एक छह करोड़ रुपये की विवादित संपत्ति है, जिसे लेकर दलाल ने हाल ही में डील की थी। जांच में यह भी सामने आया है कि हमलावरों ने वारदात से कुछ दिन पहले ही एक पुरानी कार खरीदी, जिसका इस्तेमाल इस अपराध में किया गया। घटनास्थल के आसपास लगे CCTV फुटेज इस बात की पुष्टि करते हैं कि हमलावर पहले से इलाके की निगरानी कर रहे थे।
पुलिस की पड़ताल और जनता का डर
मामले की गंभीरता को देखते हुए DCP सचिन शर्मा खुद टीम के साथ जांच में जुटे हैं। क्राइम ब्रांच और स्पेशल सेल भी अपनी-अपनी परतें खोलने में लगी हैं। हालांकि अब तक कोई पुख्ता गिरफ्तारी नहीं हो सकी है, जिससे जनता में भय और अविश्वास का माहौल पैदा हो गया है।
क्या सिस्टम से भरोसा उठता जा रहा है?
राजधानी में खुलेआम गोलियों की बौछार और आरोपी का बेखौफ फरार हो जाना इस बात का प्रतीक है कि अपराधियों में कानून का डर खत्म होता जा रहा है। यह घटना सिर्फ एक व्यक्ति की हत्या नहीं, बल्कि हमारी सुरक्षा व्यवस्था की साख पर गहरा प्रहार है।
जरूरत है तेज़ और पारदर्शी न्याय प्रणाली की
इस केस को महज़ एक ‘प्रॉपर्टी विवाद’ मानकर सिरे से नहीं नकारा जा सकता। जरूरी है कि पुलिस न सिर्फ आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार करे, बल्कि इस तरह की साजिशों को जड़ से खत्म करने के लिए एक व्यापक रणनीति अपनाए।
राजकुमार दलाल की हत्या सिर्फ एक व्यक्ति का अंत नहीं, बल्कि एक पूरे समाज में भय और असुरक्षा की भावना का जन्म है। क्या अब दिल्ली की सड़कों पर व्यवसाय करना या सुबह की सैर पर जाना भी जानलेवा बन चुका है? यह सवाल हर नागरिक के दिल में गूंज रहा है। और इसका जवाब अब पुलिस को देना है—कार्रवाई के ज़रिए, भरोसे के ज़रिए।