
एक समय था जब फ्रॉड का शिकार केवल आम जनता ही होती थी लेकिन अब आम जनता के साथ-साथ सरकारी अफसर भी इसका शिकार हो रहे हैं।
नई दिल्ली (Shah Times): एक समय था जब फ्रॉड का शिकार केवल आम जनता ही होती थी लेकिन अब आम जनता के साथ-साथ सरकारी अफसर भी इसका शिकार हो रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया जिसने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया है। मामला पोस्टल विभाग से जुड़ा हुआ है।

यह है पूरा मामला
फ्रैंक इंप्रेशन की रंगीन फोटोकॉपी के माध्यम से डाक विभाग को 7.66 करोड़ का चूना लगा है। डाक राशि का वास्तविक भुगतान किए बिना ही आरोपी, नकली फ्रैंकिंग इंप्रेशन पर्चियां लगाकर खेप बुक करते थे। अब इस मामले में ईडी के हैदराबाद जोनल कार्यालय ने मेसर्स प्रिशा पर्ल्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ पीएमएलए में अभियोजन शिकायत की अर्जी लगाई है।
विशेष न्यायालय ने लिया शिकायत पर संज्ञान
विशेष न्यायालय ने अभियोजन शिकायत का गंभीरता से संज्ञान लिया है। मूल्य देय डाक (VPP) भारत में डाक सेवाओं द्वारा दी जाने वाली एक सेवा है जिसका लाभ आम जनता को मिलता है। यह ऐसी प्रणाली है जिसमें सामान प्राप्त करने वाला व्यक्ति बाद में सामान का मूल्य भुगतान करता है।
जानकारी मिलते ही ईडी ने की कार्रवाई
इस मामले में ईडी ने जांच के दौरान पता लगाया है कि मेसर्स प्रिशा पर्ल्स प्रा. लिमिटेड और उसके निदेशकों ने डाक विभाग के माध्यम से उनके द्वारा भेजे गए वास्तविक पार्सल को छिपाकर रखने के लिए मूल फ्रैंक इंप्रेशन की रंगीन फोटोकॉपी को फिक्स कर, उसकी बिक्री को काफी कम करके बताया है। इस अपराध को करने से मेसर्स प्रिशा पर्ल्स ने डाक विभाग को 7.66 करोड़ रुपये का चुना लगाया है।