
Which are the 5 deadliest killer drones in the world? Which drone does India have, and why is Turkey's Songar drone a concern? Know all in detail
नई दिल्ली (शाह टाइम्स) हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान के कई ड्रोन को मार गिराया था। इनमें से कुछ ड्रोन तुर्की निर्मित सोनगार ड्रोन थे, जो भारत के अत्याधुनिक S-400 डिफेंस सिस्टम के आगे टिक नहीं पाए। इस घटनाक्रम के बाद दुनिया के खतरनाक ड्रोन पर चर्चा तेज हो गई है। आइए जानते हैं ऐसे ही 5 खतरनाक कातिल ड्रोन के बारे में, जो दुश्मनों के लिए खौफ का नाम बन चुके हैं।
- MQ-9 रीपर (अमेरिका) – प्रीडेटर ड्रोन का कातिल अवतार
MQ-9 रीपर को प्रीडेटर ड्रोन के नाम से भी जाना जाता है। यह अमेरिका का सबसे घातक यूएवी है, जिसकी मारक क्षमता दुनिया में सबसे ऊपर मानी जाती है। इसमें 8 हेलफायर मिसाइलें और 1700 किलोग्राम तक बम ले जाने की क्षमता होती है। यह 50,000 फीट की ऊंचाई से दुश्मन को ट्रैक कर सकता है और एक बार टारगेट मिलते ही उसे तबाह कर देता है।
भारत अमेरिका से 31 MQ-9 ड्रोन की डील कर चुका है।
- मोहाजिर-6 (ईरान) – निगरानी और हमले में माहिर
ईरान का मोहाजिर-6 एक ऐसा ड्रोन है जो निगरानी के साथ-साथ हमला करने में भी सक्षम है। यह Qaem और अलमास मिसाइलों से लैस होता है। इसका डिजाइन इसे लंबी दूरी की उड़ान और सटीक निशाने के लिए सक्षम बनाता है। ईरान इस तकनीक से दुश्मन की हर गतिविधि पर नजर रखने और तत्काल जवाब देने की तैयारी में रहता है।
- Bayraktar TB2 (तुर्की) – छोटे कद का बड़ा हमला
Bayraktar TB2 ड्रोन को तुर्की ने विकसित किया है और यह 27 घंटे तक लगातार उड़ान भर सकता है। यह 25,000 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है और 4 लेज़र-गाइडेड बम या रॉकेट ले जा सकता है। यह GPS के बिना भी खुद-ब-खुद टारगेट पहचानने की क्षमता रखता है। यही ड्रोन पाकिस्तान के पास भी है और भारत की सुरक्षा एजेंसियों को इसकी मौजूदगी से चिंता है।
- स्विचब्लेड (अमेरिका) – ‘सुसाइड ड्रोन’ के नाम से कुख्यात
स्विचब्लेड ड्रोन को कमिकाजे या सुसाइड ड्रोन कहा जाता है। इसके दो मॉडल हैं – 300 (इंसानों पर अटैक के लिए) और 600 (टैंक/बख्तरबंद वाहनों पर अटैक के लिए)। ये सैनिकों द्वारा बैग में ले जाने योग्य हैं और टारगेट न मिलने पर खुद को नष्ट कर सकते हैं। यह मिसाइल और ड्रोन का संयुक्त रूप है।
- लांसैट (रूस) – उड़ता बम, यूक्रेन में कहर
रूस का लांसैट ड्रोन एक प्रकार का लोइटरिंग म्यूनिशन है, जो दुश्मन के ऊपर मंडराता है और टकराकर विस्फोट करता है। इसका वजन मात्र 12 किलो होता है, जिसमें 3 किलो का विस्फोटक लोड होता है। यह GPS या कैमरे से टारगेट को खोजता है और सीधे टकरा जाता है। रूस-यूक्रेन युद्ध में इसका व्यापक इस्तेमाल हुआ है।
भारत के पास कौन सा है: इजरायली हारोप ड्रोन
भारत के पास इजरायल का हारोप (Harop) ड्रोन है, जो लॉइटरिंग म्यूनिशन कैटेगरी का ड्रोन है। यह दुश्मन के क्षेत्र में लंबे समय तक उड़ान भरते हुए टारगेट की तलाश करता है और सटीक हमला करता है।
ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने इसी ड्रोन की मदद से पाकिस्तान के HQ-9 डिफेंस सिस्टम को तबाह कर दिया था।
तुर्की का सोनगार ड्रोन: भारत के लिए क्यों है चिंता का विषय?
सोनगार ड्रोन को तुर्की की कंपनी Asisguard ने विकसित किया है। यह एक हथियारबंद ड्रोन है, जिसमें 8 ग्रेनेड फायर करने की क्षमता और नाटो क्लास 5.56×45 मिमी मशीनगन भी हो सकती है। इसे पाकिस्तान, इंडोनेशिया और नाइजीरिया जैसे देश इस्तेमाल कर रहे हैं।
सोनगार ड्रोन की खासियतें:
अधिकतम वजन: 45 किलोग्राम
ऊंचाई: 70 सेमी, चौड़ाई: 145 सेमी
नाइट सेंसर और 10 किलोमीटर रेंज
दो कैमरे: 10x ज़ूम वाला पायलट कैमरा और गन-माउंटेड कैमरा
GPS-नवीन तकनीक और स्वायत्त वापसी क्षमता
वीडियो और रियल टाइम इमेज ट्रांसमिशन की क्षमता
हालांकि ऑपरेशन सिंदूर में ये ड्रोन भारत की मजबूत वायु सुरक्षा प्रणाली के आगे नाकाम साबित हुए, फिर भी इनकी मौजूदगी भारतीय एजेंसियों के लिए सतर्कता का संकेत है।
दुनिया तेजी से कातिल ड्रोन टेक्नोलॉजी की ओर बढ़ रही है और ये ड्रोन अब युद्ध के रूप और दिशा दोनों बदल रहे हैं। भारत को जहां इजरायली हारोप और जल्द मिलने वाले अमेरिकी MQ-9 रीपर से मजबूती मिल रही है, वहीं पाकिस्तान जैसे दुश्मनों की ओर से इस्तेमाल किए जा रहे तुर्की ड्रोन सोनगार चिंता का विषय हैं। आने वाले समय में ड्रोन युद्ध का सबसे अहम हथियार बन सकते हैं।