
Himachal
शिमला (Shah Times): Himachal के धर्मशाला से विधायक सुधीर शर्मा इन दिनों फिर से चर्चाओं में हैं। सुधीर शर्मा ने एसपी शिमला रहे संजीब गांघी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश किया है। इस मामले को पूरा समझने के लिये यह जानना जरूरी है कि आखिर क्यों सुधीर शर्मा और पूर्व में एसपी रहे संजीब गांधी क्यों आमने-सामने आ गये हैं।
स्पीकर को संबोधित एक पत्र में शर्मा ने कहा कि 24 मई को शिमला में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसपी ने उनके खिलाफ उनकी आधिकारिक क्षमता में “अपमानजनक, निराधार और धमकी भरे” बयान दिए। पत्र में लिखा है, “ये बयान न केवल अपमानजनक थे, बल्कि लोगों के एक विधिवत निर्वाचित प्रतिनिधि और इस प्रतिष्ठित सदन के सदस्य के रूप में मेरी गरिमा का भी अपमान करते हैं।”
शर्मा ने आगे कहा, “गांधी का आचरण मेरे विधायी कार्यों के निर्वहन में अनुचित हस्तक्षेप है और विधानसभा के अधिकार और पवित्रता को कमज़ोर करता है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी द्वारा की गई ऐसी टिप्पणी न केवल उनके पद के लिए बेहद अनुचित है, बल्कि विशेषाधिकार का सीधा उल्लंघन और विधायिका की अवमानना भी है।”
उन्होंने कहा, “मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि संजीव गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव स्वीकार करें और सदन के नियमों और प्रक्रियाओं के अनुसार उचित कार्रवाई शुरू करें।
” प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान गांधी ने आरोप लगाया था कि शर्मा पिछले साल फरवरी में हुए राज्यसभा चुनाव के दौरान विधायकों की कथित “खरीद-फरोख्त” के मास्टरमाइंड थे। हालांकि, विधायक ने बताया कि उनके खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई और उन्हें इस मामले के संबंध में कोई समन भी नहीं मिला।
शनिवार को संजीव गांधी ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर विधायक शर्मा के खिलाफ 21 मई को अदालती कार्यवाही का एक वीडियो क्लिप कथित रूप से प्रसारित करने के लिए कार्रवाई की मांग की। अपनी याचिका में गांधी ने आरोप लगाया कि वीडियो अदालत की अनुमति के बिना प्रसारित किया गया और इसे “सार्वजनिक छवि खराब करने का जानबूझकर किया गया प्रयास” करार दिया।
शर्मा ने इन बयानों को अपमानजनक और एक लोक सेवक के रूप में उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने वाला बताते हुए कहा कि यह प्रकरण आधिकारिक पदों पर बैठे लोगों से अपेक्षित शिष्टाचार के बारे में गंभीर चिंता का विषय है। इस मामले को विधानसभा के आगामी सत्र में उठाए जाने की उम्मीद है।
सुधीर शर्मा का राजनीतिक इतिहास
सुधीर शर्मा का जन्म 2 अगस्त 1972 को चौबिन, कांगड़ा में पंडित संत राम के घर हुआ था। उनके पिता कैबिनेट मंत्री और हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष थे। पंडित संत राम कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में से एक थे।
2003 – 2007: सुधीर शर्मा पहली बार बैजनाथ निर्वाचन क्षेत्र से हिमाचल प्रदेश राज्य विधानसभा के लिए चुने गए।
2007 – 2012: वे इसी निर्वाचन क्षेत्र से हिमाचल प्रदेश राज्य विधानसभा के लिए फिर से चुने गए।
2012 – 2017: वे धर्मशाला निर्वाचन क्षेत्र से तीसरी बार चुने गए।
2012 – 2017: उन्हें हिमाचल प्रदेश के शहरी विकास मंत्री के रूप में भी चुना गया।
2022 – 2024 सुधीर जी धर्मशाला नामक उसी निर्वाचन क्षेत्र से दूसरी बार विधायक चुने गए।
2024 में सुधीर शर्मा ने उप चुनाव बीजेपी के टिकट पर लड़ा और फिर से चुनाव जीत कर विधायक बने।