इन घरेलू उपायों की मदद से आप मलेरिया जैसी बीमारियों से पा सकते छुटकारा।
बदलते मौसम में बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है जैले मच्छर के काटने से होने वाले डेंगू और मलेरिया बुखार हमारे लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं। कभी-कभी अगर इन बुखार के इलाज करने में देरी हो जाए तो इंसान की जान तक चली जाती है। ऐसे में आज हम आपको कुछ घरेलू उपाय बताने वाले हैं जिनके उपयोग से आप इन बुखारों से राहत पा सकते हैं। तो चलिए जानते हैं आखिर कौन से हैं वह घरेलू उपाय, जिन से आप डेंगू और मलेरिया जैसे खतरनाक बुखारों से राहत पा सकते हैं।
मलेरिया मच्छर काटने से फैलने वाली एक ऐसी बीमारी है जो इलाज में देरी या कमी की वजह से जानलेवा भी साबित हो सकती है। मलेरिया के प्रति जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य मलेरिया के प्रति जनता के बीच जागरूकता पैदा करना है और साथ साथ साथ इसकी रोकथाम के प्रयासों को बढ़ावा देना है।
अगर हम भारत की बात करें तो हर साल गर्मियों में डेंगू और मलेरिया जैसी मच्छर जनित बीमारियां पैर पसारती हैं। जैसे जैसे वातावरण में गर्मी के साथ नमी बढ़ती है, देश में हजारों लोग डेंगू और मलेरिया के शिकार होते हैं। देखा जाए तो मलेरिया रोधी दवा के जरिए मलेरिया का इलाज संभव है। इसके साथ साथ कुछ घरेलू नुस्खे भी इन बीमारियों के इलाज में कारगर साबित होते हैं। चलिए जानते हैं ऐसे ही असरदार घरेलू नुस्खों के बारे में जिनकी मदद से मलेरिया जैसी जानलेवा बीमारी में राहत मिल सकती है।
मलेरिया बुखार के लक्षण और उपाय
मलेरिया एक वायरल इंफेक्शन है जो संक्रमित मच्छर एनोफिलीज मच्छर के काटने से फैलता है। एनाफिलीज मादा मच्छर है जो मलेरिया को फैलाने वाले प्लाज्मोडियम परजीवी को स्वस्थ इंसान के शरीर में पहुंचा देती है। मलेरिया के सामान्य लक्षणों में सबसे पहले तेज बुखार आता है। मरीज को ठंड लगती है और सिर में तेज दर्द होने लगता है। उल्टी और दस्त के साथ साथ थकान, पसीना आना, मांसपेशियों में दर्द होना इसके आम लक्षण हैं।
मलेरिया की रोकथाम के लिए उपाय
मलेरिया की रोकथाम के लिए मच्छरों से बचाव जरूरी है। रात को सोते समय मच्छरदानी लगाने की सलाह दी जाती है। मलेरिया के मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए घर के आस पास पानी एकत्र नहीं होने देना चाहिए। रात को सोते समय घर में मच्छर भगाने वाली मॉस्किटो रेपेलेंट लगा सकते हैं। अगर बाहर जा रहे हैं तो बाहर निकलते वक्त पूरी बाजु के कपड़े पहनें, बच्चों को मच्छर रोधी लोशन लगाकर ही बाहर भेजना चाहिए।
मलेरिया से राहत दिलाने वाले घरेलू नुस्खे।
नीम की पत्तियों का सेवन करना
मलेरिया में दवा के साथ साथ घरेलू नुस्खे भी काफी असर करते हैं। मलेरिया के वायरस को कमजोर करने के लिए आप मरीज को नीम के पत्तों का पानी उबालकर दे सकते हैं। नीम की पत्तियां एंटी बैक्टीरियल होती हैं और इनके अंदर बैक्टीरिया और वायरस को खत्म करने की क्षमता होती है। ऐसे में इनका नियमित सेवन करने से मलेरिया और डेंगू जैसी वायरस जनित बीमारी में काफी आराम मिल सकता है।
दालचीनी का काढ़ा
आयुर्वेद में दालचीनी को डेंगू और मलेरिया के बुखार में फायदेमंद कहा गया है। आप मरीज को दालचीनी का काढ़ा बनाकर दे सकते हैं। इससे मलेरिया और डेंगू का बुखार जल्द तोड़ने में मदद मिलेगी। आमतौर पर दालचीनी का काढ़ा कुछ कड़वा होता है, अगर इसे पीने में दिक्कत हो तो उसमें शहद मिलाकर मरीज को पिला सकते हैं।
गिलोय का सेवन करना
गिलोय को आयुर्वेद में काफी शक्तिशाली बूटी कहा गया है। इसके सेवन से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। इसका रस मलेरिया और डेंगू के मरीज को नियमित रूप से पिलाने पर बुखार भी उतर जाएगा और मरीज को ताकत भी मिलेगी।
धनिए का बीज का काढ़ा
धनिए के बीजों को पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर मरीज को पिलाने से बुखार जल्द उतर जाता है। धनिए में एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं। इसकी मदद से मलेरिया और डेंगू के मरीज को काफी फायदा होता है।
पपीते के पत्तों का रस पीना
डेंगू होने पर पपीते के पत्तों का रस मरीज को पिलाना चाहिए। डेंगू में मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स कम होने लगते हैं, ऐसे में ये पत्ते प्लेटलेट्स बढ़ाते हैं और मरीज को शक्ति प्रदान करते हैं। एक दिन में दो बार एक एक चम्मच पपीते के पत्ते का रस देने पर प्लेटलेट्स खुद ब खुद बढ़ने लगेंगे।
तुलसी के पत्तों की चाय
मरीज को तुलसी की चाय बनाकर पिलाने से भी मलेरिया और डेंगू के बुखार में मदद मिलती है। इससे बैक्टीरियल इंफेक्शन कम होता है और बुखार के लक्षण कम होते हैं।
चिरायता के पत्तों का रस
चिरायता पत्ते भी मलेरिया में काफी फायदेमंद होते हैं। चिरायता के पत्तों का रस निकालकर इसे मरीज को पिलाना चाहिए। बुखार में चिरायता की ठंडी तासीर शरीर का टेंपरेचर कम करती है। मलेरिया के मरीज को चिरायता के पत्तों का रस निकालकर दिन में दो से तीन बार पिलाना चाहिए।