
सोशल मीडिया एप्प Deep Seek के बारे में आपने सुना तो होगा। यह वो एप्प जिसने दुनिया भर में चीन का तहलका मचा दिया था।
नई दिल्ली (Shah Times): सोशल मीडिया एप्प Deep Seek के बारे में आपने सुना तो होगा। यह वो एप्प जिसने दुनिया भर में चीन का तहलका मचा दिया था। लेकिन अब इसको दुनिया के कई देश प्रतिबंधित कर रहे हैं। आईये आपको शाह टाइम्स के विशलेषण के माध्यम से बताते हैं कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है।
यह है वो कारण
जानकारों की मानें तो चीन के एआई चैटबॉट डीपसीक की वेबसाइट में एक ऐसा कंप्यूटर कोड है, जो यूजर्स की कुछ जानकारी चीन की सरकारी कंपनी ‘चाइना मोबाइल’ को भेज सकता है। कई सुरक्षा शोधकर्ताओं ने छानबीन करने के बाद ऐसा दावा किया है।
यूं हुई मामले की पुष्टी
एक प्रसिद्ध समाचार एजेंसी के अनुसार, कनाडा की साइबर सिक्योरिटी कंपनी फेरूट सिक्योरिटी ने सबसे पहले इस बात का पता लगाया, जिसके बाद कई अन्य कंप्यूटर विशेषज्ञों ने भी ऐसे कोड के मौजूद होने की पुष्टि की।
Deep Seek ने खुद किया स्वीकार
Deep Seek ने खुद स्वीकार करता है कि उसका डेटा चीन में मौजूद सर्वरों में स्टोर होता है। लेकिन शोधकर्ताओं द्वारा खोजे गए लिंक के बाद यह प्रतीत होता है कि यह चीनी सरकार से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है। जिस ‘चाइना मोबाइल’ नाम की कंपनी के साथ डीपसीक का संबंध सामने आया है, उसे अमेरिका में काम करने की अनुमति नहीं है। अमेरिका दावा करता है कि ‘चाइना मोबाइल’ और चीनी सेना के बीच गहरे संबंध हैं। इसलिए अब डीपसीक को लेकर अमेरिका की चिंताएं बढ़ गई हैं।
वॉल स्ट्रीट जर्नल ने किया यह बड़ा दावा
वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में सांसद एक बिल पेश करने की योजना बना रहे हैं, जिससे वहां के सरकारी उपकरणों में डीपसीक चैटबॉट का इस्तेमाल प्रतिबंधित हो जाएगा। टेक्सस राज्य में पहले ही ऐसा प्रतिबंध लगाया जा चुका है। इसके अलावा, अमेरिका की नौसेना भी अपने सैनिकों को डीपसीक का इस्तेमाल ना करने का निर्देश दे चुकी है। अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा भी इसके उपयोग पर रोक लगा चुकी है।
भारत ने भी उठाये सवाल
भारत के वित्त मंत्रालय ने अपने कर्मचारियों से कहा है कि वे आधिकारिक कामकाज के लिए डीपसीक और चैटजीपीटी जैसे आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स का इस्तेमाल करने से परहेज करें। भारतीय वित्त मंत्रालय की आंतरिक अडवाइजरी में कहा गया है कि कार्यालय के कंप्यूटरों और उपकरणों में एआई टूल्स के होने से सरकारी दस्तावेजों और डेटा की गोपनीयता पर खतरा पैदा होता है।
ताइवान ने भी जारी किया अलर्ट
इसके अलावा, चीन के पड़ोसी देश ताइवान ने भी डीपसीक को सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए सभी सरकारी विभागों में इसके इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। आधिकारिक बयान में डीपसीक की सेंसरशिप और डेटा के चीन पहुंचने को लेकर भी चिंता जाहिर की गई है। ऑस्ट्रेलिया भी सुरक्षा चिंताओं की वजह से सरकारी उपकरणों में डीपसीक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा चुका है।
दक्षिण कोरिया की पुलिस ने भी जारी की एडवायजरी
दक्षिण कोरिया की पुलिस और कई मंत्रालयों ने डीपसीक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। अब उनके कंप्यूटरों में डीपसीक का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। दरअसल, दक्षिण कोरिया में डेटा सुरक्षा की निगरानी करने वाली संस्था ने डीपसीक से पूछा था कि वे यूजर्स के डेटा का प्रबंधन किस तरह करते हैं। कंपनी इसका जवाब नहीं दे पाई, जिसके बाद उसके खिलाफ कार्रवाई की गई।