अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर से हुंकार भरी।उन्होंने कहा कि मैं उन लोगों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं, जिन्होंने मेरी रिहाई के लिए प्रार्थना की। मेरे खून का एक-एक कतरा देश के लिए समर्पित है, मुश्किलों का सामना किया लेकिन भगवान ने हमेशा मेरा साथ दिया।
बारिश से बचने के लिये कार्यकर्ताओं ने बैनर का ही लिया सहारा ,तिहाड़ जेल के आसपास के रूट पर लगा लंबा जाम
नई दिल्ली,(शाह टाइम्स ब्यूरो) । 177 दिन बाद तिहाड़ जेल मुख्यालय के मुख्य गेट से शुक्रवार शाम छह बजकर 23 मिनट पर आप पार्टी के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जमानत पर बाहर आ गए। बाहर केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल समेत पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, सांसद संजय सिंह, दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी आप पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगा हुआ था। तेज बारिश के बीच बाहर आने के बाद अपने वाहन से खड़े होकर केजरीवाल ने एक बार फिर से हुंकार भरी।
मेरे खून का एक-एक कतरा देश के लिए समर्पित
उन्होंने कहा कि मैं उन लोगों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं, जिन्होंने मेरी रिहाई के लिए प्रार्थना की। मेरे खून का एक-एक कतरा देश के लिए समर्पित है, मुश्किलों का सामना किया लेकिन भगवान ने हमेशा मेरा साथ दिया। उन्होंने कहा कि मेरा हौसला तोडऩे के लिए उन्होंने मुझे जेल में डाला, लेकिन मेरा हौसला पहले से कहीं अधिक है, जेल मुझे कमजोर नहीं कर सकती।
ईडी ने केजरीवाल को 21 मार्च को लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था
बता दें कि ईडी ने केजरीवाल को 21 मार्च को लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। 10 दिन की पूछताछ के बाद 1 अप्रैल को उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया गया। लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए 10 मई को कोर्ट ने केजरीवाल को 21 दिन के लिए अंतरिम जमानत दी थी। 2 जून को केजरीवाल ने सरेंडर कर दिया। अगर 21 दिन की अंतरिम जमानत को कम कर दिया जाए तो केजरीवाल कुल 155 दिन जेल में रहे।
अरविंद केजरीवाल की रिहाई का ऑर्डर करीब पांच बजकर 55 मिनट पर पहुंचा
पांच बजकर 55 मिनट पर पहुंचा था जेल में रिलीज ऑर्डर
जेल अधिकारियों ने बताया कि अरविंद केजरीवाल की रिहाई का ऑर्डर करीब पांच बजकर 55 मिनट पर पहुंचा था। जिसके बाद कुछ ऑफिशियली चीजें पूरी करने के बाद उनको मुख्य गेट से बाहर भेज दिया गया था। इस बीच उनके वकीलों की टीम भी जेल में मौजूद रही थी।
जमानत मिलने बाद तिहाड़ के बाहर जमावड़ा
केजरीवाल को सुबह जैसे ही कोर्ट से जमानत मिली। उसको आप पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने टीवी,मोबाइल फोन आदि पर देखा। जिसके बाद तिहाड़ जेल नंबर चार और मुख्य गेट पर हल्के हल्के जमावड़ा लगना शुरू हो गया था। कार्यकर्ता बड़े बड़े बैनर ढोल और आतिशबाजी लेकर पहुंचे थे। उनको यह नहीं पता था कि केजरीवाल किस गेट से बाहर आएंगें। शाम को जब कोर्ट का रिहाई ऑर्डर आया।
बारिश से बचने के लिये बैनर का सहारा लिया कार्यकर्ताओं ने
अरविंद केजरीवाल जब तिहाड़ जेल से बाहर आए। उससे पहले काफी तेज बारिश थी। जिसमें आप नेता और कार्यकर्ता आने नेता को देखने के लिये पेड़ आदि का सहारा लेकर डटे रहे। बारिश से बचने के लिये उन्होंने बैनर को ही अपना सहारा बनाया। उन्होंने बैनर को फाडक़र उसकी टॉपी बनाकर सिर पर लगाकर खुद को भिगने से बचाया था। हवा तेज होने के कारण छाते भी काम नहीं आ रहे थे।
रिहाई के बाद सडक़ों पर जाम ही जाम
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की रिहाई से तिहाड़ जेल के आसपास ट्रैफिक पूरी तरह से रूक गया था। वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई थी। इससे पहले बारिश की वजह से भी वाहन रेंगते हुए चल रहे थे। ट्रैफिक पुलिस और स्थानीय पुलिस वाहनों को घंटों तक सुचारू रूप से चलाने में पूरी तरह से हताश दिखी। हर कोई वाहन चालक किसी न किसी तरह से जाम से बाहर निकलना चाह रहा था।
तिहाड़ जेल नंबर दो में बंद थे मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तिहाड़ की जेल नंबर 2 में बंद थे। वहां उन्हें कोर्ट के आदेश के मुताबिक, दोनों वक्त का खाना घर से मिल रहा है। इसके अलावा उनके वार्ड में एक टीवी था और किताब पढऩे के लिए एक टेबल थी। उन्होंने कुछ किताबें मांगी थी जो उन्हें दी गई थी। वीरवार तक केजरीवाल का तिहाड़ जेल में वजन 62.5 था जबकि शुगर लेवल नॉर्मल था।