
Under the leadership of new Chief Election Commissioner Gyanesh Kumar, the Election Commission of India is undergoing key reforms to make the electoral process more transparent, modern, and aligned with global standards
भारतीय चुनाव आयोग में नए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में हो रहे सुधारों से चुनावी प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, आधुनिक और वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाया जा रहा है। जानिए आगे क्या होंगे बदलाव।
(शाह टाइम्स): ज्ञानेश कुमार की अगुआई में चुनाव आयोग की ये पहलें केवल प्रशासनिक या तकनीकी बदलाव नहीं हैं, बल्कि भारत के लोकतंत्र की आत्मा को और अधिक मजबूत और पारदर्शी बनाने का प्रयास हैं। इन प्रयासों से चुनाव प्रणाली में न केवल जनता का विश्वास बढ़ेगा, बल्कि भारत को एक वैश्विक आदर्श के रूप में स्थापित करने में मदद मिलेगी
- वैश्विक मानकों की ओर बढ़ता भारत का चुनाव आयोग
भारतीय चुनाव आयोग अब केवल चुनाव कराने वाली संस्था नहीं रह गई है, बल्कि यह एक आधुनिक, पारदर्शी और तकनीकी रूप से सशक्त प्रणाली की दिशा में अग्रसर है। नए मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में आयोग ने चुनावी प्रक्रिया को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परखा और भारत में बेहतर तरीकों को लागू करने का संकल्प लिया है। - अंतरराष्ट्रीय चुनाव प्रणालियों का अध्ययन: सीखने और सुधार की दिशा में कदम
देशभर के सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य चुनाव अधिकारियों (CEOs) को अन्य लोकतांत्रिक देशों की चुनाव प्रणाली का अध्ययन करने का निर्देश दिया गया है। इससे यह समझने में मदद मिलेगी कि विभिन्न देशों में मतदान प्रणाली, मतदाता पंजीकरण और चुनाव प्रबंधन कैसे होता है, और किन तकनीकों को भारत में लागू किया जा सकता है। - तकनीक आधारित चुनाव प्रणाली: हर वोट की ट्रैकिंग संभव
भविष्य में चुनाव आयोग डेटा-संचालित प्रबंधन, ऑनलाइन वोटिंग, और रियल-टाइम वोट ट्रैकिंग जैसी अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाने की दिशा में बढ़ रहा है। इससे न केवल चुनाव प्रणाली की पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि हर मतदाता को मतदान प्रक्रिया का सक्रिय भागीदार बनाने की दिशा में क्रांतिकारी बदलाव आएंगे। - एक समान मतदाता सूची: ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की ओर पहला कदम
वर्तमान में स्थानीय निकायों और राष्ट्रीय चुनावों के लिए अलग-अलग मतदाता सूचियां होती हैं। ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयोग इस असमानता को दूर करने के लिए एक समान मतदाता सूची तैयार करने पर काम कर रहा है। इससे डुप्लिकेशन और प्रशासनिक गड़बड़ियों में कमी आएगी और यह ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के सपने को साकार करने की दिशा में बुनियादी आधार तैयार करेगा। - निर्वाचन सदन में आंतरिक सुधार: कार्य संस्कृति में अनुशासन और पारदर्शिता
आयोग अपने आंतरिक तंत्र में भी सुधार कर रहा है। ई-ऑफिस और बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम (BAS) को लागू कर कर्मचारियों की कार्यप्रणाली को अधिक उत्तरदायी और आधुनिक बनाया जा रहा है। इससे संस्थान में पारदर्शिता और कार्यक्षमता दोनों बढ़ेंगी। - भविष्य की योजनाएं: चुनाव प्रणाली में और भी क्रांतिकारी बदलाव
संवैधानिक बदलाव की तैयारी: ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के लिए कानूनी आधार तैयार किया जा रहा है।
डुप्लिकेट वोटर ID और EPIC नंबर की गड़बड़ी का समाधान: तकनीक की मदद से दोहराव को खत्म करने का प्रयास।
हर मतदाता, हर जगह से मतदान कर सके: भविष्य में ऐसा सिस्टम लाने की योजना जिसमें मतदाता देश में कहीं से भी अपने क्षेत्र के लिए वोट डाल सके।
100% मतदान लक्ष्य: चुनावी साक्षरता के लिए डिजिटल अभियान, स्कूली शिक्षा और सोशल मीडिया को माध्यम बनाकर हर वर्ग तक पहुंचने की योजना।