
वन भूमि, नदी तटों, राजमार्गों और सड़कों के किनारे से अतिक्रमण हटाने के लिये उत्तराखंड उच्च न्यायालय के निर्देश पर युद्धस्तर पर तैयारी की जा रही है
नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय (Uttarakhand High Court) के निर्देश पर चंपावत (Champawat) जिला प्रशासन की ओर से वन भूमि, नदी तटों, राजमार्गों और सड़कों के किनारे से अतिक्रमण (Encroachment) हटाने के लिये युद्धस्तर पर तैयारी की गयी है अतिक्रमण हटाने के लिये पूरे जनपद में पृथक-पृथक समितियों का गठन कर दिया गया है। जल्द ही जनपद में अतिक्रमण हटाओ अभियान (Remove Encroachment campaign) शुरू हो जायेगा।
चंपावत (Champawat) के प्रभारी जिलाधिकारी हेमंत कुमार वर्मा (Hemant Kumar Verma) की ओर से दी गयी जानकारी के अनुसार अतिक्रमण हटाने के लिये सभी उपजिलाधिकारियों (SDM) की अगुवाई में अलग-अलग समितियों का गठन किया गया है। हर तहसील में एसडीएम की अगुवाई में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जायेगा। एसडीएम के अलावा समिति में अधिशासी अभियंता, लोक निर्माण विभाग, अधिशासी अधिकारी राष्ट्रीय राजमार्ग, अधिशासी अभियंता प्रधानमंत्री मंत्री ग्राम सड़क योजना, नगर पालिकाओं, नगर पंचायतों के अधिशासी अधिकारी, संबद्ध क्षेत्रों के पुलिस क्षेत्राधिकारी एवं उप प्रभागीय वनाधिकारी को शामिल किया गया है।
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सभी समितियों को दो सप्ताह के अदंर अपने अपने क्षेत्र में अतिक्रमण के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही अदालत के निर्देश पर कार्यवाही से संबंधित फोटोग्राफ और वीडियो रिकार्डिंग भी उपलब्ध कराने को कहा गया है।
गौरतलब है कि मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की युगलपीठ ने गत 26 जुलाई को महत्वपूर्ण आदेश जारी कर सभी राजमार्गों, सड़कों, नदी तटों के किनारे वन भूमि और सरकारी भूमि से दो सप्ताह में अतिक्रमण हटाने के निर्देश सभी जिलाधिकारियों को दिये थे।