
आईएएस नवनीत सहगल का तीन वर्ष का होगा कार्यकाल
लखनऊ,(Shah Times) । सरकार और ब्यूरोक्रेसी के बीच बहुत अच्छे संबंध रहते है इससे इंकार नहीं किया जा सकता हैं उन्हीं संबंधों की बुनियाद पर रिटायरमेंट के बाद भी कुछ अफसर अपनी जगह बनाएं रहते है उनमें एक नाम तेजतर्रार आईएएस नवनीत सहगल का माना जाता है लोकसभा 2024 की अधिसूचना जारी होने के चंद घंटे पहले सूचना व प्रसारण मंत्रालय की मंजूरी के बाद यूपी कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी नवनीत सहगल को प्रसार भारती का चेयरमैन नियुक्त कर दिया गया।
आईएएस नवनीत सहगल का यह कार्यकाल 3 वर्ष का होगा। सभी सियासी दलों की सरकारों में अहम भूमिका में रहे चाहे बसपा, सपा और भाजपा सरकार रही हो नवनीत सहगल पिछले साल 35 वर्ष की लंबी सेवा के बाद रिटायर हुए थे।
1988 बैच के आईएएस अधिकारी नवनीत सहगल बसपा सरकार में मुख्यमंत्री मायावती के सचिव रहे। तब पंचम तल पर वे सबसे प्रभावशाली अधिकारियों में से एक माने जाते थे। हालांकि, वर्ष 2012 में सपा सरकार बनने पर उन्हें हटाकर प्रतीक्षा में डाल दिया गया, लेकिन कुछ समय बाद ही उन्हें दोबारा तैनाती दे दी गई। दो वर्ष ही पूरे हुए थे वह 2014 में मुख्य धारा में लौटे और प्रमुख सचिव सूचना बना दिए गए। तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव के सबसे भरोसेमंद अधिकारियों में से वह एक रहे। उनके पास सूचना विभाग के अलावा यूपीडा की भी जिम्मेदारी रही। यूपीडा के सीईओ रहते उन्होंने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के निर्माण की जिम्मेदारी संभाली। नवनीत सहगल को योगी सरकार के पहले कार्यकाल में सूचना जैसे अहम विभाग की जिम्मेदारी मिली थी। लेकिन योगी सरकार-2 के गठन के कुछ समय बाद ही उनके समीकरण बिगड़ने लगे।
आईएएस नवनीत सहगल को 31 अगस्त 2022 को खेल विभाग में भेज दिया गया। हालांकि, उन्होंने खेल विभाग में भी कई महत्वपूर्ण काम किए। अभी तक सहगल की तैनाती उन्हीं सरकारों में जिन्हें अपने काम के उचित ब्रांडिंग नहीं मिल पा रही थी। अब माना जा रहा है कि मोदी सरकार को केंद्र सरकार की उपलब्धियों को सही प्रचार न मिल पाने की गरज से सहगल की तैनाती की है।
मुसीबत में साथी और यारों के यार की छवि वाले आईएएस नवनीत सहगल के प्रसार भारती में आने के शीघ्र ही सकारात्मक परिणाम दिखेंगे, इससे इंकार नहीं किया जा सकता हैं।