
पैनिक अटैक अचानक होने वाला घबराहट और डर का दौरा होता है।इससे व्यक्ति को बहुत ज्यादा घबराहट हो सकती है।
New Delhi , (Shah Times) । कभी कभी हमारे या हमारे किसी अपने के साथ कोई ऐसी घटना हो जाती हैं जिससे वो पैनिक होने लगता है। पैनिक अटैक अचानक होने वाला घबराहट और डर का दौरा होता है।इससे व्यक्ति को बहुत ज्यादा घबराहट हो सकती है। अगर आपके सामने किसी को पैनिक अटैक आ जाए,तो आपको पता होना चाहिए कि क्या करना है। क्योंकी कभी कभी स्थिति इतनी गंभीर हो जाती हैं की डॉक्टर को बुलाने तक का मौका नहीं मिलता तो आज हम आपको कुछ आसान तरीके बताने वाले हैं। जो एक्सपर्ट्स के अनुसार पैनिक अटैक के समय मदद कर सकते हैं।
खुद को शांत रखें और संयम से काम ले
अगर अभी आपके सामने किसी को पैनिक अटैक आ जाए तो सबसे पहले, आपको खुद को शांत रखना चाहिए। अगर आप शांत रहेंगे, तो आप अच्छी तरह से पीड़ित की मदद कर पाएंगे। शांत दिमाग से सोचें और घबराहट से बचें। इससे आप सही कदम उठा पाएंगे और सामने वाले व्यक्ति को राहत दिला पाएंगे।
मरीज को गहरी सांसें लेने को कहें
व्यक्ति को गहरी और धीमी सांसें लेने के लिए कहें। नाक से गहरी सांस लें और मुंह से धीरे-धीरे छोड़ें। इससे उसकी धड़कनें सामान्य होंगी और घबराहट कम होगी। यह तरीका उसे शांत करने और पैनिक अटैक से निपटने में मदद करेगा।
आराम से बैठाएं
उसे एक आरामदायक जगह पर बैठाएं या लेटा दे। इससे उसे आराम मिलेगा और घबराहट भी कम होगी। आरामदायक स्थिति में रहकर व्यक्ति जल्दी शांत हो सकता है और पैनिक अटैक से बाहर आ सकता है।
पीड़ित को पानी पिलाएं
अगर हो सके तो पीड़ित व्यक्ति को ठंडा पानी पिलाएं या उसके चेहरे पर ठंडे पानी के छींटे मारें। इससे उसे थोड़ी राहत मिलेगी और वह बेहतर महसूस करेगा। ठंडा पानी घबराहट कम करने में मदद करता है और व्यक्ति को जल्दी शांत करता है।
ध्यान भटकाएं
उसका ध्यान भटकाने की कोशिश करें। उसे कमरे में मौजूद चीजों या फिर कोई फनी बात करे। इससे उसकी घबराहट कम होगी और वह खुद को शांत महसूस करेगा ध्यान भटकाने से पैनिक अटैक को संभालना आसान हो जाता है।
उसे विश्वास दिलाएं
उसे यह विश्वास दिलाए कि यह सिर्फ पैनिक अटैक है और थोड़ी देर में ठीक हो जाएगा। उससे कहें कि वह बिल्कुल ठीक है और आप उसके साथ हैं। इससे उसे हिम्मत मिलेगी और वह जल्दी शांत हो जाएगा।
डॉक्टर की मदद ले
अगर पैनिक अटैक ज्यादा देर तक रहे या बहुत गंभीर हो जाए, तो तुरंत डॉक्टर या मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए। कंडीशन को कंट्रोल किया जा सके और व्यक्ति को सही इलाज मिल पाए।