मानसून सीजन में कई बीमारियों से दूर रखेंगे 5 आयुर्वेदिक हर्ब्स, अपनी डाइट में कर लें शामिल

Herbal medicine shahtimesnews

अगर आप मानसून के मौसम में खुद को हेल्दी रखना चाहते हैं तो आयुर्वेद की इन 5 जड़ी बूटियों की गांठ बांध लीजिए इस मौसम में इनका सेवन रामबाण फायदे दिलाता है।

प्राचीन समय से ही आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां अपने अपने औषधीय गुणों के लिए जानी जाती हैं. इनमें एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। अगर आप मानसून के मौसम में खुद को हेल्दी रखना चाहते हैं तो आयुर्वेद की इन 5 जड़ी बूटियों की गांठ बांध लीजिए इस मौसम में इनका सेवन रामबाण फायदे दिलाता है।

1- तुलसी

आयुर्वेद में आने वाली सबसे खास औषधि का नाम तुलसी है जिसे इम्यूनिटी बूस्टर माना जाता है इसमें एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी-फंगल जैसे गुण होते है जो सर्दी, खांसी, बुखार और संक्रमण जैसी बीमारी से लड़ने में मदद करते है। इसे आप इसका काढ़ा या चाय की तरह भी सेवन कर सकते है।

2- हल्दी

आयुर्वेद में दूसरी सबसे खास औषधि की बात की जाए तो, हल्दी है इसमें करक्यूमिन नामक जिसे एक शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट माना जाता है। इसका सेवन अगर आप नियमित करते है तो, संक्रमण से लड़ने, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने और जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में सहायता करता है। खाने या फिर दूध के साथ आप हल्दी का सेवन कर सकते है।

3- अदरक

आयुर्वेद की खास औषधि में से एक अदरक है इसमें आपको एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-एलर्जिक गुण मिलते है जो मानसून में होने वाली सीजनल बीमारियां गले की खराश, खांसी और जुकाम से राहत दिलाते है। इसका सेवन आप चाय बनाकर या सब्जियों में मसाले में उपयोग कर सकते है। पेट फूलने और अपच जैसी समस्याओं पर अदरक राहत दिलाता है।

4.गिलोय

गिलोय (Giloy) इम्यूनिटी को मजबूत करने वाली औषधी है. इसमें एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो सर्दी, बुखार और फ्लू के लक्षणों को कम करने में सहायक हो सकता है. मानसून में हर दिन गिलोय का काढ़ा बनाकर पीना फायदेमंद हो सकता है.

5- मुलेठी

आयुर्वेद की खास औषधि में आप मुलेठी को शामिल करना नहीं भूलें,यह खांसी, जुकाम और गले की खराश से छुटकारा दिलाने में मददगार साबित हो सकता है. एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होने के कारण यह सर्दी-खांसी और वायरल संक्रमण का इलाज करने में मदद कर सकते हैं. इसके लिए मुलेठी की चाय या काढ़ा का सेवन कर सकते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here