
रांची (Shah Times): झारखंड पुलिस ने दावा किया है कि गैंगस्टर अमन साहू (Gangster Aman Sahu) को मंगलवार को झारखंड के पलामू जिले में मुठभेड़ में मार गिराया गया। उसे राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) के उप महाप्रबंधक कुमार गौरव की हत्या के सिलसिले में रायपुर जेल से रांची लाया जा रहा था।
कुमार की शुक्रवार को झारखंड के हजारीबाग जिले में हत्या कर दी गई थी और गुरुवार को रांची में कोयला व्यापारी बिपिन मिश्रा नामक एक अन्य व्यक्ति पर गोली चलाकर उसकी हत्या करने का प्रयास किया गया था।
झारखंड पुलिस ने दोनों मामलों में साहू से पूछताछ के लिए ट्रांजिट रिमांड लिया था, क्योंकि पुलिस का मानना है कि वह व्यापारियों और कोयला व्यापार से जुड़े लोगों से जबरन वसूली का रैकेट चला रहा था। घटनाक्रम से अवगत एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ मंगलवार सुबह पलामू के चैनपुर के अंधारी धौड़ा में हुई। पुलिस अधिकारी के अनुसार रांची पुलिस की टीम जब अमन साहू से पूछताछ के लिए रायपुर से रिमांड पर ला रही थी तो पलामू में पुलिस की गाड़ी की दुर्घटना हो गई। इसी दौरान अमन साहू ने पुलिस का हथियार (इंसास) छीनकर भागने की कोशिश की। पुलिस ने उसे रोकने की कोशिश की। उसने पुलिस पर फायरिंग कर दी। जिसके बाद पुलिस टीम ने उसे मुठभेड़ में मार गिराया।”
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनुराग गुप्ता, राज्य पुलिस प्रवक्ता ए वी होमकर और पलामू पुलिस अधीक्षक (एसपी) रेशमा रमेशन की टिप्पणी का इंतजार है, और जैसे ही टिप्पणी प्राप्त होगी, उसे अद्यतन कर दिया जाएगा।
हालांकि, मुठभेड़ की जानकारी रखने वाले एक पुलिस अधिकारी ने बताया, “मुठभेड़ में एक पुलिस अधिकारी भी घायल हुआ है। पुलिस काफिले पर पहले अमन साहू के गिरोह ने बम से हमला किया, उसके बाद अमन ने इंसास लूटकर भागने की कोशिश की। इस दौरान जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया।” अधिकारी ने बताया कि अमन साहू के नेतृत्व वाला गिरोह झारखंड और छत्तीसगढ़ में कोयला परियोजनाओं से जुड़े लोगों और अन्य कारोबारियों से पैसे वसूलने में लगा हुआ है।
एक अधिकारी ने बताया, “एटीएस ने रविवार को अमन साहू गिरोह के 21 अपराधियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। अमन साहू गिरोह का मयंक सिंह झारखंड के कोयला व्यापारियों को लगातार रंगदारी के लिए धमकाता रहता है। वह सोशल मीडिया पर घटना की जिम्मेदारी भी लेता है। वह झारखंड, बंगाल और छत्तीसगढ़ की कोयला और ट्रांसपोर्ट कंपनियों से रंगदारी वसूलता है।”
जानिये कौन था अमन साहू
अमन साहू और लॉरेंस विश्नोई के बीच लंबे समय से एक गहरा गठजोड़ काम कर रहा था, जो देशभर में आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए सक्रिय था। अमन साहू लॉरेंस विश्नोई के लिए नए गुर्गों की भर्ती करता था और गिरोह के विस्तार में अहम भूमिका निभाता था। दूसरी ओर, लॉरेंस विश्नोई अमन साहू को अत्याधुनिक हथियारों की सप्लाई करता था, जिससे उनकी गैंग की ताकत लगातार बढ़ती जा रही थी।
इस पूरे नेटवर्क में मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा की भूमिका सबसे अहम थी। सुनील मीणा लॉरेंस विश्नोई का खास दोस्त है और दोनों गिरोहों के बीच समन्वय का काम करता था। हथियारों की डीलिंग से लेकर गुर्गों की भर्ती और आपराधिक रणनीति तक, सुनील मीणा की भूमिका एक मध्यस्थ के रूप में थी।
फिलहाल सुनील मीणा अज़रबैजान पुलिस की गिरफ्त में है। भारत सरकार द्वारा उसके प्रत्यार्पण की पूरी प्रक्रिया को अंतिम रूप दे दिया गया है और जल्द ही उसे भारत लाया जा सकता है। उसके प्रत्यर्पण के बाद अमन साहू और लॉरेंस विश्नोई गैंग के कई गहरे राज खुलने की संभावना है। सुरक्षा एजेंसियां इस मामले पर पैनी नजर बनाए हुए हैं, क्योंकि सुनील मीणा की गिरफ्तारी से देशभर में सक्रिय इस संगठित अपराध गिरोह के नेटवर्क का पर्दाफाश हो सकता है।