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केदारनाथ धाम में घोड़ों और खच्चरों की मौत के बाद 24 घंटे का प्रतिबंध लगाया गया है। जानें इस फैसले का कारण, अवधि और यात्रा के विकल्प।
(शाह टाइम्स) केदारनाथ यात्रा के दौरान पशुओं की मौत बनी चिंता का कारण उत्तराखंड के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल केदारनाथ धाम में घोड़ों और खच्चरों पर अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह निर्णय प्रशासन ने यात्रा मार्ग पर लगातार दो दिनों में कई पशुओं की मौत के बाद लिया है। रविवार को 8 और सोमवार को 6 घोड़े-खच्चरों की अचानक मौत हो जाने से शासन और प्रशासन में हड़कंप मच गया।
24 घंटे का प्रतिबंध, जांच के बाद होगा निर्णय
यह प्रतिबंध मंगलवार, 6 मई के लिए लागू किया गया है, यानी केवल 24 घंटे के लिए। इस अवधि में किसी भी तीर्थयात्री को घोड़े या खच्चर से यात्रा करने की अनुमति नहीं है। हालांकि, प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह कदम केवल एहतियातन उठाया गया है, ताकि मृत्युओं के कारणों की ठीक से जांच की जा सके।
केंद्रीय टीम करेगी जांच
उत्तराखंड सरकार के पशुपालन सचिव बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने बताया कि मंगलवार को केंद्र सरकार की एक विशेष टीम केदारनाथ पहुंचेगी, जो पशुओं की मौत के कारणों का पता लगाएगी। इससे स्पष्ट हो सकेगा कि क्या मौत का कारण बीमारी, अधिक परिश्रम, या कोई अन्य कारण है।
हेलीकॉप्टर सेवा बनी यात्रा का विकल्प
जिन तीर्थयात्रियों ने घोड़े-खच्चर के जरिए यात्रा की योजना बनाई थी, उनके लिए राहत की बात यह है कि हेलीकॉप्टर सेवाएं चालू हैं। 1 मई से सोनप्रयाग से केदारनाथ के लिए हेलीकॉप्टर सेवा शुरू हो चुकी है, जो श्रद्धालुओं को सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का विकल्प देती है।
चारधाम यात्रा में सुरक्षा बनी प्राथमिकता
उत्तराखंड में इन दिनों चारधाम यात्रा चल रही है और केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद से श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। ऐसे में पशुओं की लगातार हो रही मौतों को प्रशासन ने गंभीरता से लिया है और यात्रियों की सुरक्षा एवं पशुओं की देखरेख के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।