
An Indian Air Force fighter jet captured mid-flight during a high-risk night operation near the border. | Image: Shah Times
Operation Sindoor: भारत का जवाबी वार, लश्कर-ए-तैयबा और जैश के ठिकानों पर मिसाइलों की बारिश
भारत ने पहलगाम हमले का बदला लेते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और POK में आतंकी ठिकानों पर 24 मिसाइलें दागीं। लश्कर और जैश के कई टॉप कमांडर मारे गए।
नई दिल्ली, 7 मई 2025 ,(शाह टाइम्स)। भारत ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह न केवल सहिष्णु है, बल्कि समय आने पर निर्णायक कार्यवाही करने में भी सक्षम है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में पर्यटकों की हत्या के बाद देशभर में आक्रोश फैल गया था। इसका जवाब भारत ने 6 मई की रात को एक संगठित सैन्य ऑपरेशन के ज़रिये दिया — जिसका नाम था “ऑपरेशन सिंदूर”।
ऑपरेशन का उद्देश्य: आतंक की जड़ों पर वार
भारतीय सेना के तीनों अंगों – थलसेना, वायुसेना और नौसेना – ने मिलकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। गुप्तचर एजेंसियों (RAW और MI) द्वारा जुटाई गई सटीक जानकारी के आधार पर पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (POK) में स्थित आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया गया।
भारतीय रक्षा मंत्रालय के अनुसार, ऑपरेशन का उद्देश्य केवल बदला लेना नहीं था, बल्कि आतंकवाद को सिस्टेमेटिकली डिस्मैंटल करना था। इसलिए ऑपरेशन को एक रात में निपटाया गया, लेकिन इसकी तैयारी 10 दिन पहले से चल रही थी।
टारगेट लोकेशन और हथियार प्रणाली
प्रमुख टारगेट्स:
- मुरीदके (लाहौर के पास) – लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय
- बहावलपुर (पंजाब, पाकिस्तान) – जैश-ए-मोहम्मद का बेस
- कोटली, बिंबर और मुजफ्फराबाद (POK) – लॉन्च पैड्स और ट्रेनिंग कैंप्स
प्रमुख हथियार:
- ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल
- स्पाइस 2000 स्मार्ट बम
- हरोप ड्रोन (Loitering Munition)
- वायुसेना के राफेल और सुखोई-30MKI जेट्स
भारतीय वायुसेना के 12 विमानों ने रात 12:45 बजे उड़ान भरी और लगभग 2:10 बजे टारगेट्स पर सटीक हमले किए। सेना ने ‘No Civilian Casualty’ पॉलिसी का पालन करते हुए केवल आतंकियों और उनके ठिकानों को निशाना बनाया।
तबाही का दृश्य: आतंक के गढ़ राख में तब्दील
हमलों में:
- लश्कर के मुख्यालय सहित 3 प्रशिक्षण केंद्र पूरी तरह ध्वस्त हो गए
- जैश-ए-मोहम्मद का मुख्य कमांड एंड कंट्रोल रूम बहावलपुर में नष्ट
- POK के कोटली और बिंबर में बने लॉन्चपैड्स तबाह
- 70 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि
खास बात यह रही कि इस हमले में लश्कर सरगना हाफिज सईद का बेटा ताल्हा सईद और जैश का ऑपरेशनल चीफ अबू हमज़ा मारे गए हैं। यह पाकिस्तान के लिए रणनीतिक झटका माना जा रहा है।
राजनीतिक और सामरिक स्तर पर तैयारी
पीएम मोदी ने रखा ऑपरेशन पर सीधा नजर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी रात ऑपरेशन की निगरानी की। सेना के उच्च अधिकारी रक्षा मंत्रालय में तैनात रहे और मीडिया कम्युनिकेशन चैनल दो दिन से बंद रखे गए थे, ताकि ऑपरेशन की गोपनीयता बनी रहे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह और NSA अजीत डोभाल ने पिछले 7 दिनों से दिल्ली में लगातार सुरक्षा बैठकों की श्रृंखला चलाई थी। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्यक्तिगत रूप से शामिल रहे और उन्होंने “नॉन-नेगोशिएबल रेस्पॉन्स” का आदेश दिया।
भारत सरकार ने अमेरिका, रूस, यूके, सऊदी अरब और संयुक्त राष्ट्र को पहले ही जानकारी दे दी थी, ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कूटनीतिक दबाव का सामना न करना पड़े।
पाकिस्तान की स्थिति: बौखलाहट और घबराहट
पाकिस्तान की तरफ से हमले की पुष्टि हो चुकी है। ISPR (पाकिस्तानी सेना की मीडिया शाखा) ने कहा है कि भारत ने 6 अलग-अलग स्थानों पर मिसाइल हमले किए और उन्हें भारी नुकसान हुआ है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने संसद में कहा, “ये युद्ध की शुरुआत है।”
लेकिन पाकिस्तान की जवाबी सैन्य कार्रवाई अब तक सीमित रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तानी वायुसेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है, लेकिन उनके पास सटीक जवाब देने की क्षमता नहीं है।
आम जनता और सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया
देशभर में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर उत्साह और गर्व का माहौल है। ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर #OperationSindoor, #IndiaStrikesBack, #NoMercyToTerror ट्रेंड कर रहे हैं।
बॉलीवुड से लेकर क्रिकेट जगत तक, हर तरफ से भारत सरकार और सेना की सराहना हो रही है। पूर्व आर्मी चीफ जनरल विपिन रावत के शब्दों में, “ये एक Surgical Strike नहीं, बल्कि Strategic Strike है।”
क्या होगा आगे? – विश्लेषण
- भारत: सीमाओं पर हाई अलर्ट जारी है। सभी स्कूल, कॉलेज और सार्वजनिक कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं।
- पाकिस्तान: आंतरिक सुरक्षा के लिए सेना की तैनाती, ISI के खिलाफ भी असंतोष
- अंतरराष्ट्रीय मंच: अमेरिका और रूस ने संयम बरतने की सलाह दी है, लेकिन भारत के रुख को आंशिक समर्थन भी मिला है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि पाकिस्तान जवाबी कार्रवाई करता है तो यह सीमित सीमा संघर्ष में बदल सकता है, लेकिन परमाणु युद्ध की संभावना नगण्य है क्योंकि दोनों देशों के बीच पीछे के चैनल्स से बातचीत चालू है।
निष्कर्ष: “नया भारत, नई नीति”
‘ऑपरेशन सिंदूर’ केवल बदले की कार्रवाई नहीं थी। यह आतंकवाद के खिलाफ भारत की नई नीति का ऐलान था — “अब हम चुप नहीं बैठेंगे, जवाब होगा निर्णायक।” यह एक स्पष्ट संदेश है कि भारत अब शब्दों से नहीं, कार्रवाई से संवाद करेगा।