
Residents of Poonch mourn after heavy Pakistani shelling kills 10 civilians and injures 45 others near the Line of Control. Photo courtesy: Shah Times
जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की भारी गोलीबारी में महिला और बच्चों समेत 10 निर्दोष नागरिकों की मौत हो गई और 45 घायल हुए। सीमावर्ती गांवों में भय का माहौल है और लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। पूरी रिपोर्ट शाह टाइम्स पर पढ़ें।
2021 में हुए संघर्ष विराम समझौते के बाद अब तक की यह सबसे बड़ी उल्लंघन की घटना है, जिसने शांति की संभावनाओं पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। यह साफ है कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद और सीमा पर सैन्य उकसावे की रणनीति से बाज नहीं आ रहा।
भारत की जवाबी कार्रवाई यह स्पष्ट संकेत देती है कि अब “नियंत्रित संयम” की नीति को पीछे छोड़कर सख्त सैन्य और कूटनीतिक रुख अपनाया जाएगा। हालांकि, नागरिकों की जानमाल की हानि को देखते हुए तत्काल और स्थायी समाधान की आवश्यकता है ताकि सीमावर्ती गांवों में सामान्य जनजीवन बहाल हो सके।
जम्मू-कश्मीर, (Shah Times)। पुंछ सेक्टर सहित नियंत्रण रेखा (LoC) से सटे इलाकों में पाकिस्तान की ओर से की गई भारी गोलीबारी में एक महिला और दो बच्चों समेत कम से कम 10 निर्दोष नागरिकों की मौत हो गई है, जबकि 45 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। मंगलवार देर रात शुरू हुई इस गोलाबारी ने सीमावर्ती जिलों में भय और अफरातफरी का माहौल पैदा कर दिया है, जिसके चलते हजारों लोगों ने अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन किया।
घटना का विवरण और क्षति का आकलन
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तानी सेना ने रातभर पुंछ, राजौरी, बारामूला, उरी, कुपवाड़ा और तंगधार क्षेत्रों में भारी गोलीबारी की। इस दौरान मोर्टार शेल एक मकान पर गिरने से एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई और उसकी 13 वर्षीय बेटी घायल हो गई। मृतकों की पहचान मोहम्मद आदिल, सलीम हुसैन, रूबी कौर, मोहम्मद जैन (10), मोहम्मद अकरम (55), अमरीक सिंह, रंजीत सिंह, जोया खान (12), मोहम्मद रफी और मोहम्मद इकबाल के रूप में हुई है। ये सभी पुंछ जिले के स्थानीय निवासी थे।
राजौरी के ठंडीकासी इलाके में भी दो महिलाओं समेत चार लोग घायल हुए हैं, जबकि बारामूला के उरी और कुपवाड़ा के करनाह में दर्जनों घरों को नुकसान पहुंचा है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि तंगधार क्षेत्र में चार घरों में आग लग गई।
सीमा पर भारत की जवाबी कार्रवाई
भारतीय सेना ने मनकोट, कृष्णा घाटी, शाहपुर, लाम, मंजाकोट और गंभीर ब्राह्मणा क्षेत्रों में जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तानी चौकियों को निशाना बनाया। इसके अलावा, सूत्रों ने पुष्टि की है कि भारत ने नियंत्रण रेखा पार कर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान के भीतर आतंकी ठिकानों को भी सफलतापूर्वक निशाना बनाया।
यह हमला 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले की प्रतिक्रिया में किया गया, जिसने पूरे क्षेत्र में तनाव को और बढ़ा दिया था।
प्रशासनिक निर्णय और जनजीवन पर असर
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जम्मू, सांबा, कठुआ, राजौरी और पुंछ जिलों में सभी शिक्षण संस्थानों को बुधवार के लिए बंद कर दिया गया है। साथ ही जम्मू हवाई अड्डे से सभी नागरिक उड़ानों को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया है।
जमीन पर भय का माहौल ऐसा है कि सैकड़ों परिवार बंकरों में छिपे हुए हैं या पड़ोसी जिलों में शरण लेने के लिए मजबूर हो गए हैं। गुरेज, बारामूला और कुपवाड़ा जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में रहने वाले लोगों का कहना है कि संघर्ष विराम के बाद यह अब तक की सबसे भीषण रात थी।
सरकारी प्रतिक्रिया और राहत कार्य
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सीमावर्ती जिलों की स्थिति का जायजा लिया। उपराज्यपाल कार्यालय ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि सभी जिला उपायुक्तों, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को अलर्ट पर रखा गया है।
सिन्हा ने कहा, “हम हर नागरिक की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।”
जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी गोलीबारी ने न केवल निर्दोष नागरिकों की जान ली है, बल्कि शांति और स्थिरता की संभावनाओं को भी गहरा आघात पहुंचाया है। अब समय आ गया है कि वैश्विक समुदाय पाकिस्तान के इस अकारण आक्रामक व्यवहार पर संज्ञान ले और भारत के आत्मरक्षात्मक कदमों को उचित समर्थन दे।