इजराइली हमले में संयुक्त राष्ट्र कर्मचारी कर्नल वैभव अनिल काले की मौत

Colonel Vaibhav Anil Kale Shah Times

 

कर्नल वैभव अनिल काले अनिल काले तीन हफ्ते पहले ही संयुक्त राष्ट्र (UN) के सुरक्षा एवं संरक्षा विभाग को ज्वॉइन किया था

नई दिल्ली,(Shah Times) । इजराइल हमास युद्ध के दरमियान  संयुक्त राष्ट्र (UN) के लिए काम कर रहे एक पूर्व भारतीय सैनिक की मौत हो गई। पूर्व सैनिक का नाम कर्नल वैभव अनिल काले था, जो नागपुर का रहने वाला था पूर्व में जम्मू-कश्मीर राइफल्स में तैनात था। 

कर्नल वैभव अनिल काले की मौत पर बुधवार को भारत के विदेश मंत्रालय ने दुख जताया है। मंत्रालय ने एक बयान जारी कर काले के परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं।

भारत सरकार कर्नल वैभव अनिल काले के शव को भारत लाने के लिए लगातार संयुक्त राष्ट्र (UN) के संपर्क में है। संयुक्त राष्ट्र (UN) ने भी इस मामले में पर दुख जताया है। वैभव की मौत उस वक्त हुई, जब वे राफा में मानवीय मदद पहुंचा रहे थे। इसी दौरान इजराइली टैंक ने उन पर हमला कर दिया।कर्नल वैभव अनिल काले गाजा के राफा में मानवीय मदद पहुंचा रहे थे।

कर्नल वैभव अनिल काले ने भारतीय सेना से 2022 में रिटायरमेंट (VRS) लिया था। वे तीन हफ्ते पहले ही UN के सुरक्षा एवं संरक्षा विभाग से जुड़े थे। 46 साल के वैभव अप्रैल 1998 में भारतीय सेना में शामिल हुए थे। उन्होंने 2009 से 2010 तक संयुक्त राष्ट्र में मुख्य सुरक्षा अधिकारी के तौर पर अपनी सेवाएं दी थीं।

कर्नल वैभव अनिल काले ने दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से बिहेवियरल साइंस और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून में ग्रेजुएशन किया था। उन्होंने आगे की पढ़ाई IMM लखनऊ और DAVV इंदौर समेत अन्य संस्थानों से भी की थी।

कर्नल वैभव अनिल काले के परिवार के दूसरे सदस्य भी भारतीय मिलिट्री में रह चुके हैं। उनके भाई ग्रुप कैप्टन विशाल काले वायुसेना में भर्ती थे, जबकि वैभव के कजिन आमे काले भी सेना में कर्नल रह चुके हैं। वैभव के एक और रिश्तेदार प्रशांत कारदे भी एयरफोर्स से रिटायर हुए हैं।

कर्नल वैभव अनिल काले ने सैनिक रहते हुए कई एंटी-टेरर ऑपरेशन्स में हिस्सा लिया। इस दौरान कई बार सियाचिन बेस कैंप में भी उनकी तैनाती रही। कर्नल वैभव अनिल काले ने पठानकोट एयरबेस पर 2016 के हुए आतंकवादी हमले को रोकने में से जुड़े ऑपरेशन में शामिल थे।

उनके करीबी दोस्त लेफ्टिनेंट कर्नल हांगे ने बताया कि वैभव पठानकोट हमले के समय भारतीय सेना की 11 जम्मू-कश्मीर राइफल्स बटालियन की कमान संभाल रहे थे। उन्होंने अपनी यूनिट के साथव मिलकर ऑपरेशन में अहम भूमिका निभाई थी।

2 जनवरी, 2016 को जैश के आतंकियों ने पठानकोट में एयरबेस पर हमला कर दिया था। इसमें 7 जवान शहीद हो गए थे। 36 घंटे एनकाउंटर और तीन दिन तक कॉम्बिंग ऑपरेशन चलाया गया था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here