
India's first bullet train project achieves major milestone with 300 km viaduct completed. Underground station 26 meters deep with advanced facilities
भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना में बड़ी उपलब्धि, 300 किलोमीटर वायडक्ट का निर्माण पूरा। स्टेशन जमीन से 26 मीटर नीचे, आधुनिक सुविधाओं से लैस।
नई दिल्ली (शाह टाइम्स) भारत के महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को जानकारी दी कि मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (MAHSR) प्रोजेक्ट के तहत 300 किलोमीटर लंबा वायडक्ट बनकर तैयार हो गया है। इस प्रोजेक्ट का निर्माण नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) द्वारा किया जा रहा है।
क्या है वायडक्ट?
वायडक्ट एक पुलनुमा ढांचा होता है जिस पर ट्रेनें चलती हैं। रेल मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक वीडियो शेयर कर बताया कि अब तक 300 किलोमीटर का वायडक्ट तैयार किया जा चुका है। इसका मतलब है कि बुलेट ट्रेन के रूट का यह हिस्सा खंभों पर खड़ा किया जा चुका है।
मुंबई स्टेशन का निर्माण कार्य
बुलेट ट्रेन का मुंबई स्टेशन बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) में बनाया जा रहा है और यह पूरी तरह भूमिगत होगा। स्टेशन के लिए अभी तक 76% खुदाई का काम पूरा हो चुका है। कुल 18.7 लाख क्यूबिक मीटर मिट्टी हटाई जानी है, जिसमें से 14.2 लाख क्यूबिक मीटर मिट्टी निकाली जा चुकी है।
आधुनिक तकनीक से लैस निर्माण स्थल
निर्माण स्थल पर तीन बैचिंग प्लांट लगाए गए हैं, जिनकी क्षमता 120 घनमीटर प्रति घंटे की है। इन प्लांट्स में आइस प्लांट और चिलर प्लांट भी हैं जो गर्मी में कंक्रीट के तापमान को नियंत्रित करते हैं। साइट पर अत्याधुनिक कंक्रीट लैब भी बनाई गई है, जहां कंक्रीट की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए वाटर पर्मिएबिलिटी और रैपिड क्लोराइड पेनिट्रेशन जैसे टेस्ट किए जा रहे हैं।
स्टेशन की विशेषताएं
प्लेटफॉर्म जमीन से 26 मीटर (करीब 10 मंजिला इमारत) नीचे होगा।
स्टेशन में तीन स्तर होंगे: प्लेटफॉर्म, कॉनकोर्स (प्रतीक्षा कक्ष) और सर्विस फ्लोर।
खुदाई 32 मीटर तक की जा रही है।
स्टेशन पर 6 प्लेटफॉर्म होंगे, प्रत्येक की लंबाई 415 मीटर होगी – जो 16 कोच की बुलेट ट्रेन के लिए पर्याप्त है।
स्टेशन मेट्रो और सड़क दोनों से जुड़ा होगा।
दो एंट्री/एग्जिट प्वाइंट बनाए जाएंगे, जिससे आवाजाही आसान होगी।
प्राकृतिक रोशनी के लिए स्काईलाइट की व्यवस्था की गई है, जिससे दिन में बिजली की बचत होगी और स्टेशन का सौंदर्य भी बढ़ेगा।
बुलेट ट्रेन: भारत की प्रगति का प्रतीक
बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट भारत में यातायात के एक नए युग की शुरुआत है। इससे न केवल यात्रा का समय घटेगा, बल्कि देश के बुनियादी ढांचे में भी क्रांतिकारी बदलाव आएंगे। यह प्रोजेक्ट आधुनिक तकनीक, उच्च गुणवत्ता और पर्यावरण-संवेदनशील निर्माण का आदर्श उदाहरण बनकर उभर रहा है।