
भारत और लैटिन अमेरिका के संबंध लगतार अच्छे हो रहे हैं। जहां एक तरफ अमेरिका ने भारत के कई अप्रवासियों को डीपोट किया है
मियामी (Shah Times): भारत और लैटिन अमेरिका के संबंध लगतार अच्छे हो रहे हैं। जहां एक तरफ अमेरिका ने भारत के कई अप्रवासियों को डीपोट किया है वहीं भारत ने लैटिन अमेरिका के साथ कई समझौते किये हैं जो भारत के कई प्रोजेक्ट को सही करेंगे। भारत लैटिन अमेरिकी देशों के साथ संबंध मजबूत कर रहा है। कई देशों ने भारत की इस पहल का स्वागत किया है और राजनीतिक साझेदारी में विविधता लाने की आशा व्यक्त की है।
2023 में हुआ हुआ 40 अरब डॉलर का व्यापार
फरवरी की शुरुआत में ब्राजील की सरकारी तेल कंपनी पेट्रोब्रास ने भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन के साथ एक समझौता किया। रियो डी जेनेरो में आयोजित हुए ब्राजील एनर्जी फोरम में कंपनी के निदेशक क्लाउडियो रोमियो श्लॉसर ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि 2025 और 2026 के बीच सालाना 60 लाख बैरल तेल आपूर्ति करने का समझौता किया गया है।
भारत पेट्रोलियम तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक

भारत सरकार के स्वामित्व वाला भारत पेट्रोलियम दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है। यह भारत की तेल से जुड़ी ज्यादातर जरूरतों को पूरी करता है और पिछले साल इसने लगभग 85 फीसदी तेल दूसरे देशों से आयात किया था। इस सौदे से भारत में पेट्रोब्रास के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा, जो मौजूदा समय में मात्र चार फीसदी है।
2.4 करोड़ बैरल तक पहुंचने की उम्मीद
श्लॉसर ने बताया कि इस समझौते के बाद कंपनी का निर्यात बढ़कर सालाना 2.4 करोड़ बैरल तक पहुंचने की उम्मीद है। यह समझौता ऐसे समय में हुआ है, जब ब्रिक्स के सदस्य के रूप में दोनों देश अपने आर्थिक संबंधों को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। जिसका रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका भी हिस्सा हैं।
लैटिन अमेरिका के बाजार को मिलेगी बढ़त
इस समझौते के साथ ब्राजील सरकार विदेश व्यापार के लिए भारत के महत्व को भी बताना चाहती है, जिसने हाल ही में चीन के बेल्ट एंड रोड पहल का हिस्सा बनने से मना कर दिया था। बढ़ रहे भू-राजनीतिक तनाव की वजह से भारत लैटिन अमेरिका के कई देशों के लिए एक अच्छा साझेदार बनकर उभर रहा है क्योंकि अमेरिका, चीन और रूस से अलग भारत की छवि एक स्वतंत्र और तटस्थ देश की है। भारत भी अपने भू-राजनीतिक पुनर्गठन के हिस्से के रूप में नए आर्थिक संबंध तलाश रहा है, जिसमें लैटिन अमेरिकी देशों में अपनी पहुंच का विस्तार करना शामिल है।
अर्जेंटीना से किये भारत ने समझौते
अर्जेंटीना के साथ भी भारत ने नए समझौते किए हैं। सरकारी तेल कंपनी वाईपीएफ ने जनवरी में तीन भारतीय कंपनियों के साथ 1 करोड़ टन लिक्वीफाइड नेचुरल गैस (एलएनजी) निर्यात करने के समझौते पर हस्तार किए हैं। कंपनी ने जारी बयान में कहा कि समझौते के तहत लिथियम, महत्वपूर्ण खनिजों और तेल-गैस की खोज और उत्पादन में सहयोग भी शामिल है।
क्यूबा को भी लैटिना के कहने पर भेजी भारत ने सहायता
ओलिवेरा ने हाल ही में विनाशकारी तूफान के बाद भारत द्वारा क्यूबा को भेजी गई चिकित्सा सहायता के बारे में बात करते हुए कहा कि घनिष्ठ राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंध बनाने की इस रणनीति को पूरे कैरेबियाई क्षेत्र में अच्छी तरह से स्वीकार किया गया। अपनी खनिज संपदा के लिए जाने जाने वाले चिली के बारे में उन्होंने कहा कि देश में भारत की राजदूत अभिलाषा जोशी ने कहा था कि चिली “बाकी लैटिन अमेरिका पहुंचने का रास्ता” है।
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर भरोसा
भारत ने लैटिन अमेरिका में अपनी दिलचस्पी दो साल पहले तब दिखाई जब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पिछले 60 सालों में पहली बार पनामा का दौरा किया। जयशंकर ने उस समय कहा था, “जब से प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी ने पदभार संभाला है, लैटिन अमेरिका और कैरेबियन देशों के साथ हमारे संबंधों में एक नया मोड़ आया है।” उरुग्वे स्थित डिजिटल न्यूज पोर्टल पॉलिटिको के अनुसार, 2023 में भारत और लैटिन अमेरिका के बीच कुल 40 अरब डॉलर (38.8 बिलियन यूरो) का व्यापार हुआ। इस क्षेत्र में भारत का सबसे ज्यादा व्यापार ब्राजील, मैक्सिको, अर्जेंटीना, कोलंबिया और पेरू के साथ होता है।